Indian

भारत की बुलंद तस्वीर

भारत की बुलंद तस्वीर पढ़ा था अखबारों मेंसुना था समाचारों में हम देश को विकसितकर चुके हैं सब के भविष्य कोसुरक्षित कर चुके हैं आज देखा मैंने दिल्लीकी कड़कती धूप पर नन्हे मुन्ने घूम रहे थेनंगे पांव उसे पथ पर दिल्ली की सड़कों पर अड़ेकड़क धूप पर खड़े दिल्ली की सड़कों पर अड़ेकड़क धूप पर…

Shrishail

श्रीशैल चौगुले की कविताएं | Shrishail Chougule Poetry

संत , साधू और संसार जँहा ठहरते है दुःखवँही जीवन का अंत हैदुःख के शिवा जीनेवालेआत्मानुभूती में संत है. जँहा कर्तव्य बिना कर्मवह संसार सारा व्यर्थजो नित् ईश्वर ध्यान मेंओ ही जाने स्वर्ग सार्थ. जँहा व्यवहार अज्ञानवह निःस्वार्थी साधू कहेपंचनियम से ही विश्वजीवसृष्टी में ज्ञान रहे. बसंत विश्वास सुलगे नही तिनका ऊसमे ये घना अंधेराथोडी…

प्रत्येक प्राणि बुद्ध हो

प्रत्येक प्राणि बुद्ध हो

प्रत्येक प्राणि बुद्ध हो जग भले विरुद्ध हो,राह भी अवरुद्ध हो ।सत्य पथ न छोड़िएहृदय सदैव शुद्ध हो ।। मूढ़ या प्रबुद्ध हो ,मन कभी न क्रुद्ध हो ।अप्प दीपो भव गहें ,भावना विशुद्ध हो ।। न हर्ष हो न क्षुब्ध हो,न‌ द्वेष हो न युद्ध हो।कामना हमारी है,प्रत्येक प्राणि बुद्ध हो ।। रचनाकार…अजय जायसवाल…

शाश्वत नाम मॉं

शाश्वत नाम मॉं

शाश्वत नाम मॉं मुझ अनगढ़ माटी को भी इंसानी रुप दिया करती हो मां,नित प्रति हर पल हम पर कितने उपकार किया करती हो मां ! मेरी हर गलती को आगे बढ़ हंसकर तुम अपना लेती हो,मेरा किया धरा सब होता भरपाई तुम भरती हो मां !! दुखों का पहाड भी टूटे खुद पर तो…

राम अवतार शर्मा की कविताएं | Ram Avtar sharma poetry

राम अवतार शर्मा की कविताएं | Ram Avtar sharma poetry

एकाकी परिवार ( दोहे ) एकाकी परिवार ने,छीना सबका चैन ।समझाने वाला नहीं,अतः दुःखी बेचैन । निज सपनों के बोझ को,बच्चों पर मत डाल ।इनका बचपन छिन गया,परेशान नौनिहाल । प्रतिस्पर्धा की दौड़ में,घर वालों से दूर ।अच्छे अंक न ला पाये,मरने को मजबूर । बूढ़े माँ और बाप का,रखते हैं जो ध्यान ।उनके जीवन…

Indian

भक्त हूँ मैं देख ऐसा देश का

भक्त हूँ मैं देख ऐसा देश का साथ दूंगा मैं हर लम्हा देश का !भक्त हूँ मैं देख ऐसा देश का ख़ून से सींचा वतन हर सैनिक नेहै बना तिरंगा चेहरा देश का छोड़ कर मां बाप सब भाई बहनहाँ निभाता सैनिक वादा देश का लहराना तिरंगा अदू की छाती परगा रहा है दिल ये…

न्याय की पुकार

न्याय की पुकार

धर्म जाति मानव की उत्पति पांच तत्व तीन गुणों से,जल थल वायु अगन गगन तीन गुणों से। रजो सतो तमो गुणों की महिमा निराली अनोखी,काम क्रोध लोभ मोह अहंकार की माया अनोखी। पांच तत्वों का कोई जाति धर्म मज़हब नहीं,तीन गुणों का कोई जाति धर्म मज़हब नहीं। खाने को रोटी पीने को पानी भूख प्यास,बादल…

Meri Pyari Maa

तुम हो मां

तुम हो मां मेरी गीता,मेरी कुरान तुम हो मां,इस सिमटी हुई जमीन का खुला आसमान तुम हो मां। बुझी हुई जिंदगी का रोशन चिराग तुम हो मां,मेरी ईद का चांद,मेरी दीवाली की शाम तुम हो मां। तपती धूप में ठंडा अहसास तुम हो मां,दूर रहकर भी हरपल पास तुम हो मां। जब होती हूं उदास…

मरने भी नहीं देते

मरने भी नहीं देते

मरने भी नहीं देते वो देते हैं ज़हर मुझको मगर मरने भी नहीं देते,बनाते हैं ताबूत, मेरी लाश बिखरने भी नहीं देते। करूं मैं प्यार सिर्फ उनसे ये भी तो ज़िद्द है उनकी,वो ज़ाहिर इश्क मुझको मगर करने भी नहीं देते। वो देते रहते हैं ज़ख्म पे ज़ख्म मेरे इस सीने पर,मगर इन ज़ख्मों को…

प्रेमानंद

दिव्य संत

दिव्य संत ->नाम जपो बात मानलो,श्री राधा राधा ||1.प्रेम है आनंद है,श्री राधा कृष्णा संग हैं |तन-मन-धन-स्वांस,सब कुछ परमानंद हैं |लता-पता-रज-व्रज गलियां,वो स्वयं वृंदावन हैं |दिव्य अलौकिक संत महराज,नाम प्रेमानन्द है |->नाम जपो बात मानलो,श्री राधा राधा || 2.राधा कृष्णा-जन सेवा,यही उनकी पूंजी है |सबके मार्ग दर्शक हैं,प्रभु भक्ती की कुंज्जी है |कई वर्षों से…