विरह | Poem in Hindi on Virah
विरह
( Virah )
नयन सुख ले लेने दो प्रियतम तुम जाने से पहले।
अधर रस पान करा दो सूरज उग जाने से पहले।
सुबह से वही दोपहरी...
भ्रमित इंसान | Kavita Bhramit Insaan
भ्रमित इंसान
( Bhramit insaan )
जाने किस वहम में खोया क्या-क्या भ्रम पाले बैठा है।
जाने किस चक्कर में वो औरों के छीनें निवाले बैठा है।
भाति...
मोहब्बत नाजुक सा एहसास | Kavita Mohabbat
मोहब्बत नाजुक सा एहसास
( Mohabbat nazuk sa ehsaas )
मोहब्बत नाजुक सा एहसास
बेपनाह इश्क है ये मेरे यार
दर्द भरी दास्तां कह दो या
दिलों का उमड़ता...
पीक चित्रकार | Kavita Pik Chitrakar
पीक चित्रकार
( Pik chitrakar )
कुछ सीढ़ियाँ
चढ़नें के बाद
मुँह में जमा
जर्दा व गुटखे का
मिश्रित पीक
बेचैन हो उठता है
एक कोनें को देखकर
जो कभी हुआ करता था
साफ...
नवदुर्गा पर कविता | Maa Durga Kavita
नवदुर्गा पर कविता
( Navdurga par kavita )
मां मुझको तू शक्ति दे दे
जीवन के तू दुख हर ले
जुड़ा रहे तुझसे यह नाता
इतनी मेरी बिनती सुन...
जवानी का जोश | Kavita Jawani ka Josh
जवानी का जोश
( Jawani ka josh )
ये तरुणाई ये भरी जवानी चार दिन की चांदनी।
ये रुसवाई ये बेवफाई मन गांठ कभी ना बांधनी।
समरसता की...
मानव या दानव कर्मों से | Karma par Kavita
मानव या दानव कर्मों से
( Manav ya danav karmo se )
अच्छाई के पथ पर चलते वो मानवता होती है।
लूटमार चोरी अन्याय कर्मों से दानवता...
किसानों का दर्द | Kavita Kisano ka Dard
किसानों का दर्द
( Kavita Kisano ka Dard )
देख कर फसलों की सूरत
जीवित है कौन?
टूटकर बिखरा है हृदय
तन मन है मौन
छींट कर बीजों को मैंने
उम्मीद...
मैं भारत का मजदूर हूं | Poem in Hindi on Majdoor
मैं भारत का मजदूर हूं
( Main bharat ka majdoor hoon )
मैं भारत का मजदूर हूं, मेहनत की रोटी खाता हूं।
धूप छांव सर्दी गर्मी...
नाचो-नाचो-नाचो रे | Poem Nacho-Nacho
नाचो-नाचो-नाचो रे!
( Nacho-Nacho-Nacho Re )
नाचो-नाचो-नाचो रे!
भोर भए तक नाचो रे!
नाचो कुंवारे- नाचो कुंवारी,
प्यासा रहे न आँखों का पानी।
नाचो-नाचो-नाचो रे!
भोर भए तक नाचो रे!
झरने पे...