विरह | Poem in Hindi on Virah

विरह ( Virah )    नयन सुख ले लेने दो प्रियतम तुम जाने से पहले। अधर रस पान करा दो सूरज उग जाने से पहले। सुबह से वही दोपहरी...

भ्रमित इंसान | Kavita Bhramit Insaan

भ्रमित इंसान ( Bhramit insaan )    जाने किस वहम में खोया क्या-क्या भ्रम पाले बैठा है। जाने किस चक्कर में वो औरों के छीनें निवाले बैठा है। भाति...

मोहब्बत नाजुक सा एहसास | Kavita Mohabbat

मोहब्बत नाजुक सा एहसास ( Mohabbat nazuk sa ehsaas )    मोहब्बत नाजुक सा एहसास बेपनाह इश्क है ये मेरे यार दर्द भरी दास्तां कह दो या दिलों का उमड़ता...

पीक चित्रकार | Kavita Pik Chitrakar

पीक चित्रकार ( Pik chitrakar )   कुछ सीढ़ियाँ चढ़नें के बाद मुँह में जमा जर्दा व गुटखे का मिश्रित पीक बेचैन हो उठता है एक कोनें को देखकर जो कभी हुआ करता था साफ...

नवदुर्गा पर कविता | Maa Durga Kavita

नवदुर्गा पर कविता ( Navdurga par kavita )   मां मुझको तू शक्ति दे दे जीवन के तू दुख हर ले जुड़ा रहे तुझसे यह नाता इतनी मेरी बिनती सुन...

जवानी का जोश | Kavita Jawani ka Josh

जवानी का जोश ( Jawani ka josh )    ये तरुणाई ये भरी जवानी चार दिन की चांदनी। ये रुसवाई ये बेवफाई मन गांठ कभी ना बांधनी। समरसता की...

मानव या दानव कर्मों से | Karma par Kavita

मानव या दानव कर्मों से ( Manav ya danav karmo se )   अच्छाई के पथ पर चलते वो मानवता होती है। लूटमार चोरी अन्याय कर्मों से दानवता...

किसानों का दर्द | Kavita Kisano ka Dard

किसानों का दर्द ( Kavita Kisano ka Dard )      देख कर फसलों की सूरत जीवित है कौन? टूटकर  बिखरा  है   हृदय तन मन है मौन   छींट  कर  बीजों  को  मैंने उम्मीद...

मैं भारत का मजदूर हूं | Poem in Hindi on Majdoor

मैं भारत का मजदूर हूं ( Main bharat ka majdoor hoon )    मैं भारत का मजदूर हूं, मेहनत की रोटी खाता हूं। धूप छांव सर्दी गर्मी...

नाचो-नाचो-नाचो रे | Poem Nacho-Nacho

नाचो-नाचो-नाचो रे! ( Nacho-Nacho-Nacho Re )    नाचो-नाचो-नाचो रे! भोर भए तक नाचो रे! नाचो कुंवारे- नाचो कुंवारी, प्यासा रहे न आँखों का पानी। नाचो-नाचो-नाचो रे! भोर भए तक नाचो रे! झरने पे...