निर्झर | Kavita Nirjhar
निर्झर
( Nirjhar )
काश........तेरी तरह ही मैं भी बन जाऊँ माँ,
निर्झर की मानिंद कल-कल बहती जाऊँ माँ,
तेरी ही तरह दामन में समेट लूँ ये...
मतदान का अधिकार | Kavita Matdan ka Adhikar
मतदान का अधिकार
( Matdan ka Adhikar )
लोकतंत्र देश हमारा।
है संविधान सर्वोपरि देश का।
देकर मतदान अधिकार,
मान बढ़ाया जनशक्ति का।।
जो बालिग हो वह, देकर अपना...
मत प्रणय अनंत | Kavita Mat Pranay Anant
मत प्रणय अनंत
( Mat Pranay Anant )
मत प्रणय अनंत, ई वी एम को निहार कर
लोकतंत्र नव यौवन अंगड़ाई,
मतदाता उर भाव नवल ।
उत्सविक प्रभा...
निवेदन | Kavita Nivedan
निवेदन
( Nivedan )
निवेदन है
धरा से
मत हो
वीराना ,
अरदास है
ईश से
भूलें न
कृपाना,
आह्वान है
आकाश सै
रंग नीलिमा
न बदलना,
गुजारिश है
बादलों से
वर्षा अमृत
न भूलना,
आरजू है
आदमी से
आदिमकाल
न जाना।शेखर कुमार श्रीवास्तव
दरभंगा(...
सबको मतदान करना पड़ेगा | Purnika Sabko Matdan Karna Padega
सबको मतदान करना पड़ेगा
बात मानो हमारी सारी जनता।
वोट डालने तो जाना पड़ेगा।।
ये जो अधिकार सबको मिला है।
यही कर्तव्य निभाना पड़ेगा।।
चाहे लाखों हों काम वोट...
तमाशा | Kavita Tamasha
तमाशा
( Tamasha )
कौन कहता है
आईने झूठ नहीं बोलते
वे चेहरे के पीछे की परतों को कहाँ खोलते हैं
दिये गये सम्मान में भी
दिली सम्मान कहाँ...
मां- पिता | Kavita Maa Pita
मां- पिता
( Maa Pita )
मां जान है तो ,
पिता आत्मा है,
आत्मा जब रोती है तो ,
जान निकल जाती है।
जीने के लिए ,
मानव को चाहिए...
लोकतंत्र अभयदान | Kavita loktantra Abhaydan
लोकतंत्र अभयदान
लोकतंत्र अभयदान,शत प्रतिशत सही मतदान
मतदान लोकतांत्रिक व्यवस्था,
सशक्त नागरिक अधिकार ।
अवसर सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व चयन,
राष्ट्र भविष्य अनूप श्रृंगार ।
योग्य दक्ष आदर्श प्रतिनिधि,
सहर्ष प्राथमिकता सदा आह्वान।
लोकतंत्र...
भूख और भगवान | Kavita Bhookh aur Bhagwan
भूख और भगवान
( Bhookh aur Bhagwan )
भूख और भगवान में,
कौन बड़ा?
कौन छोटा ?
छिड़ी जंग है।
भूख है कि,
मिटने में नहीं आती ,
बार-बार पेट,
भरना पड़ता...
आहट | Kavita Aahat
आहट
( Aahat )
घर के भीतर तो नज़र आती हैं दीवारे हि
रास्ते तो बाहर हि दिखाई देते हैं
उजाले की चाहत में कलियाँ
अंधेरे मे ही...