वाणी और पानी

वाणी और पानी -ध्रुव-1

वाणी और पानी – ध्रुव-1 वाणी की मधुरताहमारे ह्रदय द्वारको सही सेखोलने की कुंजी हैपानी जीवन पर्यन्तहमारे साथ सदैवरहने वाला होता हैवह हमारे जीवन मेंरिश्ते भी काफीमहत्वपूर्ण होते हैंपहन ले हम चाहेकितने भी क़ीमतीवस्त्र या आभूषणपर वाणी बता देती हैकि व्यक्ति कितने पानी मेंजैसे कोयल और कागदिखते एक जैसेबोल मीठे सुनकोयल के दिल जीत लेतेपर…

आख़िर क्यों?

आख़िर क्यों?

आख़िर क्यों? क्यों हर राह तुझ तक जाती नहीं,क्यों तेरी झलक नज़र आती नहीं?हर रोज़ तुझे देखने की कोशिश की,फिर भी क्यों मेरी दुआ असर लाती नहीं? ना कोई शिकवा, ना कोई गिला है,तेरे बिना हर लम्हा मुझे अधूरा मिला है।मैंने तो बस तुझसे प्यार किया,फिर क्यों मुझे ये फ़ासला मिला? कभी ख्वाबों में, तो…

अमर

अमर

अमर दुनिया की हरवस्तु जन्म लेती हैऔर मरती हैइस मरणधर्माजगत में अमर कीकल्पना करने वालाकोई महान हीकल्पनाकार होगाकर्मों के सही सेक्षयोपशम होने परमनुष्य भव मेंसही से कर्मों काक्षयकर संपूर्णज्ञान प्राप्त होनेपर मिलन जबआत्मा से स्वयं काहोता तो आत्माके शुद्ध रूप सेफिर कोई भेदभेद न रहताज़िंदगी का सफ़रआयुष्य जितनाकेवली का होताधर्म का हीउस अवस्था मेंपहुँचने का…

2624 वां महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव

2624 वां महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव

2624 वां महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव निरख निरख के रूप तुम्हारा “महावीर “दिल भरता ही नहीं,तेरे चरणों से उठकर जाने को मन करता ही नहीं !!सफल हो गए नरभव सबके जो भी दर्शन को पाए,बुला रहा सौभाग्य सभी को विघ्न कोई पड़ता ही नहीं || रवि सम आभा मुखमण्डल पर कामदेव सी काया है,रूप अनंग…

डॉ प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार की कविताएं | Dr. Preeti Singh Parmar Poetry

डॉ प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार की कविताएं | Dr. Preeti Singh Parmar Poetry

“माँ-बाप का बुढ़ापा: एक मौन विलाप” बुढ़ापा बन गया अब एक अभिशाप देखो ।          दो रोटी को तरसते माँ-बाप हैं देखो।                                    जिनसे जीवन मिला, वो आज बेहाल हैं। अपने ही घर में आज मेहमान हैं देखो। जिनकी गोदी थी कभी शीतल छाँव सी,                                               अब उन्हीं की आँखें हैं, आँसू की नाव सी। जिसे झुलाया था…

हनुमान जन्मोत्सव

हनुमान जयन्ती

हनुमान जयन्ती शांति,गीत,श्रद्धा,समर्पणआदि गरिमामय जीवनऔर व्यक्तित्व सेधर्म का सुंदर समन्वयज्ञान सागर लहराने वालेआनंद के लोक में ले जाने वालेक़लम के कृति रत्न समुद्दभूतहनुमान जी को मेरा भावोंसे वंदन -अभिनंदन !शत- शत नमन ! प्रणाम !जो ज्ञाता है वहस्वयं अज्ञात है ।अज्ञात को ज्ञात करनेका प्रयत्न होना चाहिएविभिन्न माध्यमों के द्वाराक्योंकि आत्मा को भी अपनासही से…

मन

मन

मन बहुत शक्तिशाली हैव्यापक हैउसका साम्राज्यउसकोचुनौती देने वालाकोई नहीं हैअतः भलाई हैप्रकृति के नियम केसाथ चलने में हीसार नहींविपरीत दिशा में कोईमन में कालुष्य न आयेकर्म काट करइतना हिम बनकरचले कि खुद केसंगति वह जो नीति सिखायेवैराट्य प्रकट होवाणी में वैर-भावन उगने पायेराग- द्वेष से दूरहो जायें औरध्रुवतारा -सी चमकलिए सारे जगत मेंचमक सही सेआत्मा…

जय श्री राम ( दोहे )

जय श्री राम ( दोहे )

जय श्री राम ( दोहे ) जनमे जिस क्षण महल में, कौशल्या ने लाल।गूंजी घर -घर में तभी, ढोल मँजीरा ताल ।। पिता वचन की राम ने , रखी सहज ही लाज |ठुकराया संकोच बिन , अवधपुरी का राज ।। पीछे पीछे चल दिये ,जहाँ चले प्रभुराम।।सीता लक्ष्मण साथ में, छोड़ अवध का धाम ।…

Mahavir jayanti par Kavita

2624 वां महावीर जन्म कल्याणक दिवस

2624 वां महावीर जन्म कल्याणक दिवस भगवान महावीर को मेरा भावों से शत – शत वन्दन !भगवान महावीर की राह को अपनायें ।मानव जीवन सफल बनायें ।अब भोर है उठ जाग जायें ।क्यों आँखें मूंदकर हम सोयें ।संत हमारी मूर्छित चेतना जगाते ।कीमती वक्त हमारा हम क्यों खोते।दुनिया की हैं यह झूठी माया ।जैसे बादल…

जब जंगल रोए

जब जंगल रोए

जब जंगल रोए – कांचा गचीबोवली की पुकार ( दिकुप्रेमी की कलम से ) कुछ आवाज़ें मौन होती हैं,जैसे टूटी टहनियों की टीस,जैसे मिट्टी से उखड़ते पेड़ों की कराहजिन्हें कोई सुनना नहीं चाहता। तेलंगाना के कांचा गचीबोवली वन क्षेत्र मेंविकास की आड़ मेंविनाश का वाक्य लिखा गया।जहाँ कभी हवाओं की सरसराहटकवियों को गीत देती थी,वहाँ…