इतने शून्य उफ इतने शून्य

इतने शून्य उफ इतने शून्य

इतने शून्य उफ इतने शून्य इतने शून्य उफ इतने शून्यये शून्य जीवनये जीवन का शून्यये आसमान शून्यये आसमानों में शून्यये रिश्ते शून्यये लहू में बहता शून्यइतने शून्य.. उफ इतने शून्यशून्य ही शून्यदुनिया का नही पता मगर मैं तो रह गया दंग.इतने शून्य उफ इतने शून्य.लड़ने को कहते सब मगर शून्य से कैसे करे कोई जंगदुनिया…

Pita ek kalpavriksha

छाया है पिता

छाया है पिता बरगद की घनी छाया है पिताछाँव में उसके भूलता हर दर्द। पिता करता नहीं दिखावा कोईआँसू छिपाता अन्तर में अपने।तोड़ता पत्थर दोपहर में भी वोचाहता पूरे हों अपनों के सपने।बरगद की घनी छाया है पिताछाँव में उसके भूलता हर दर्द। भगवान का परम आशीर्वाद हैपिता जीवन की इक सौगात है।जिनके सिर पे…

मेरी कहानी में तुम

मेरी कहानी में तुम

मेरी कहानी में तुम पता नहीं, मेरी कहानी में तुम थे भी या नहीं,पर हर पन्ने पर तुम्हारी परछाईं दर्ज थी। कभी कोई बात,कभी कोई लम्हा,तो कभी वो खामोशियाँ,जो अब भी तुम्हारा नाम लेती हैं। मेरी कहानी में तुमसे बिछड़ने की कसक थी,अधूरे ख्वाब थे,अधूरी बातें थीं,और वो एहसास… जिसे मैं चाहकर भी बयां नहीं…

chhalawa

छलावा

छलावा उस धरा सेइस धरा तकउस गगन सेइस गगन तकउस जहां सेइस जहां तकउस परिवेश सेइस परिवेश तकउस गांव सेइस शहर तकका सफर…रहा नहीं आसानजिसने बदल दिएसारे अरमान…अपनों के साथजीने का सपनाबन कर…रह जाएगा सपनाजो हो नहीं सकताअब कभी अपनाअब अपनों को…नहीं दे पाते वो सम्मानजो थे कभी जीवन की जान श्याम सुंदर यह भी…

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर की कविताएं | Nandlal Mani Tripathi Poetry

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर की कविताएं | Nandlal Mani Tripathi Poetry

जीवन जीवन यात्रा है।जीवन मात्रा है ।जीवन स्वर है।जीवन संगीत है।जीवन रास्ता है।जीवन रिश्तो कावास्ता है।जीवनकर्तव्य बोध है।जीवन दायित्व समझ है।जीवन युद्ध है।जीवन विशुद्ध है।जीवन सत्य है।जीवन याथार्त है।जीवन सत्यर्थ है।जीवन प्रेम है।जीवन श्रृंगार है।जीवन घृणा काघर अभिमान है।जीवन द्वेष का द्वंदबैर भाव है।।जीवन शक्ति कासत्कार है।।जीवन रिश्ता समाज हैजीवन एकाकीपनअभिशाप है।।जीवन निराश बेवस लाचार…

अपेक्षा क्यों

अपेक्षा क्यों

अपेक्षा क्यों चाह जब जुड़ जाएंपरिणाम सेअपेक्षा का…होता है आगमनमन की शांति काफिर होता है गमन दूसरे भी हमेंवही सम्मान देंजो हम…उन्हें दे रहेंदूसरे भी हमेंवही प्यार देंजो हम…उन्हें दे रहें यह जरूरी तो नहींकि हो…विचारधाराएं समानअपनी प्राथमिकताका तो…है हमें भानपर दूसरों कीप्राथमिकताओं काभी हो हमें ज्ञान जरा संभल करव्यवहार करना होगाइस रंग बदलते जमाने…

navin

नवीन मद्धेशिया की कविताएं | Navin Maddheshiya Poetry

वफ़ा जिससे किया वफाओ बेवफा निकलीखाती थी कसम जोएक पल की हवा निकली जिससे किया वफाओ बेवफा निकलीलहरें थी जब साथ मेरेकश्तियां साथ-साथ रहींहवा हुई विपरीत जबवह भी पलट गई जिससे किया वफावह बेवफा निकलीए समंदर यूं ही नमकीन नहीं होगारोया होगा आसमान भी नवीन गम से सोचता हूं जिंदगी के खेल भी बड़े निराले…

D P Verma Poetry

देवेंद्र प्रताप वर्मा ‘विनीत’ की कविताएं | D P Verma Poetry

अस्तित्व वो कहते हैं ये मेरा प्रश्न है,हर उत्तर को निगलेगा,मैं कहता हूँ ये मेरी अनुभूति है,मौन में भी उगलेगा। वो कहते हैं ये मेरी रेखा है,किस्मत तक पहुँच जाएगी,मैं कहता हूँ ये मेरा पथ है,जो नियति को भी मोड़ लाएगी। वो कहते हैं ये मेरा काल है,सब कुछ ढहा जाएगा,मैं कहता हूँ ये मेरी…

Indian

भारत की बुलंद तस्वीर

भारत की बुलंद तस्वीर पढ़ा था अखबारों मेंसुना था समाचारों में हम देश को विकसितकर चुके हैं सब के भविष्य कोसुरक्षित कर चुके हैं आज देखा मैंने दिल्लीकी कड़कती धूप पर नन्हे मुन्ने घूम रहे थेनंगे पांव उसे पथ पर दिल्ली की सड़कों पर अड़ेकड़क धूप पर खड़े दिल्ली की सड़कों पर अड़ेकड़क धूप पर…

Shrishail

श्रीशैल चौगुले की कविताएं | Shrishail Chougule Poetry

सावन का कलम. अब मुझसे रहा नही जातासावन कि रिमझीम सी घटादिल में कुछ उधल-फुदलआँखो में बुँदे दर्पण सी छटा. ऋत वंही,यादे पुरानी छातीभिगे फुल,बारिष में भाव लुटासवांरु कैसे पल मिलन केअधुरे सपने फिर मन टुटा. सतरंगो जैसा जीवन सुंदरवर्षा-धूप से सुख-दुःख समेटाबेचैनी भी बढाती, भिगी पलकेसावन प्रेम का सबूत है मिठा. ऐसे में शब्द…