घर में पधारो गजानंद जी | Ghar me Padharo Gajanan ji
घर में पधारो गजानंद जी
( Ghar me padharo Gajanan ji )
घर में पधारो गजानंदजी आओ आंगणिया आओ।
लंबोदर महाराज गणेश रिद्धि सिद्धि संग लाओ।
दूंद दुंदाला...
मेलों की बात निराली है | Melon ki Baat
मेलों की बात निराली है
( Melon ki baat nirali hai )
झूले सर्कस सज रही दुकानें नाच रही मतवाली है।
आओ मेला देखन जाए मेलों की...
हे भारत की बेटियों | Hey Bharat ki Betiyon
हे भारत की बेटियों
( Hey Bharat ki Betiyon )
हे भारत की बेटियों
मत मांग करो
महंगी साड़ियों
और जेवरों की
ये कोमल कलाइयां
किसी घर की सोहबत बने
उससे पहले...
विनती सुनो गणराज | Vinti Suno Ganraj
विनती सुनो गणराज
( Vinti Suno Ganraj )
विनती सुनो गणराज हमारे मनमंदिर में आना,
हमारे मनमंदिर में आना।
आशाओं का दीप जलाया,
नेह भरा विश्वास ,
हमारे मनमंदिर में...
तल्ख़ मेहनाजपुरी की तीन रचनाएं | Talkh Mehnajpuri Poetry
01.
अधिक अन्न उपजाओ
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'अधिक अन्न उपजाओ'
जो नारा लगाते हैं
भर पेट अन्न
सिर्फ वही पाते हैं.
जो सचमुच
अधिक अन्न उपजाते हैं,
रात में
भूखे ही सो जाते हैं.
आइए मिल -जुल...
ऋषि पंचमी | Rishi Panchami
ऋषि पंचमी
( Rishi Panchami )
आज का दिन माहेश्वरी का रक्षाबंधन कहलाता है,
ऋषि पंचमी को ही हर माहेश्वरी राखी बंधवाता है,
सजती है हमारी भी सुनी...
नया संसद भवन | Naya Sansad Bhavan
नया संसद भवन
( Naya Sansad Bhavan )
नया संसद भवन, नई उम्मीदों की मंगल भोर
हिंद लोकतंत्र नूतन अध्याय,
सुषुप्त स्वप्न नव पंख ।
आशा उमंग नवल संचरण,
विकास...
प्रियंका सोनकर की पांच रचनाएं | Dr. Priyanka Sonkar Poetry
01.
क्रांति
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तुम जिस सभ्यता को संस्कृति कहते हो
यही शोषण का कारखाना है
तुम कहते हो इसे ही तो बचाना है
मैं कहती हूं मुझे इसे ध्वस्त करना...
कल भी था कल भी रहेगा | Kal bhi Tha Kal...
कल भी था कल भी रहेगा
( Kal bhi tha kal bhi rahega )
धन औ धरती का झमेला ,कल भी था ; कल भी रहेगा।
प्रेम...
हमारे शहर में | Hamare Shahar mein
हमारे शहर में
( Hamare shahar mein )
( एक )
हमारे शहर में
वाद है
विवाद है
प्रतिवाद है
जातिवाद है
नस्लवाद है,
संप्रदायवाद है….
हमारे शहर में है,
राष्ट्रवाद,
नारीवाद,
देववाद,
उदारवाद.
अद्वैतवाद,
आरंभवाद,
परिणामवाद ….
हां !
अगर नहीं है
तो...