हिंदी हममें कहां तक

हिंदी हममें कहां तक

इधर,हर विशेष दिवसों की तरह हिंदी दिवस पर भी खूब लिखा गया,सभी रचना कारों ने , शिक्षक समाज ने , विद्यार्थियों ने, यहां तक की सरकारी दफ्तरों मे भी हिंदी दिवस को बड़े जोर शोर और उल्लास के साथ मनाया गया.. पत्र पत्रिकाओं मे अखबारों मे विभिन्न चैनलों आदि से भी हिंदी दिवस के उपलक्ष्य…

हमारी हिंदी भाषा हमारी पहचान ही नहीं बल्कि हमारी श्रेष्ठता को भी दर्शाती है

हमारी हिंदी भाषा हमारी पहचान ही नहीं बल्कि हमारी श्रेष्ठता को भी दर्शाती है

भारत ही नहीं विश्व पटल पर हिंदी का विकास निरंतर देखने को मिल रहा है। अभी हाल में ही हुए जी-20 में आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा हिंदी में ही सभी को संबोधित कर आमंत्रित किया गया एवं सभी को आमंत्रण पत्र पर हिंदी में ही ” भारत “ लिखा गया यह एक बहुत बड़ा…

मेरा हिंदी को लेकर अनुभव

मेरा हिंदी को लेकर अनुभव

हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और इस भाषा का सम्मान करना हम सबकी जिम्मेदारी है पहले हम इंग्लिश में ही टाइपिंग किया करते थे तो कोरल इंग्लिश बड़ी अजीब लगती थी परंतु जब से हमने हिंदी में टाइप करना शुरू किया है सभी जगह सराहना मिलती है कि आपकी हिंदी बहुत अच्छी है । इसीलिए हिंदी…

राष्ट्रभाषा बिना राष्ट्र गूंगा होता है | Rashtrabhasha ke Bina Rashtra

राष्ट्रभाषा बिना राष्ट्र गूंगा होता है | Rashtrabhasha ke Bina Rashtra

( हिंदी दिवस पर विशेष ) हिंदी की अनदेखी को रोकने के लिए 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिंदी दिवस बड़े ही हर्षोल्लास ढंग से मनाया जाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के दो साल बाद ही 14 सितम्बर, 1949 ईसवी को संविधान सभा द्वारा आधिकारिक भाषा के रूप में एक ध्वनिमत से इसे पास किया और 26…

भूत प्रेत : कितना सत्य कितना असत्य

भूत प्रेत : कितना सत्य कितना असत्य

भाग : 3 वर्तमान समय में देखा जाए तो भूत प्रेत की मान्यता से लगभग सारा संसार जकड़ा हुआ है । किंतु भूत प्रेत आदि क्या है? कैसे हैं ? या नहीं हैं? इस विषय में कोई प्रामाणिक एवं वैज्ञानिक तथ्य तक नहीं पहुंच पाया है । इसीलिए समाज में तरह-तरह के भूत- प्रेत के…

भारतेन्दु हरिश्चन्द्र : आधुनिक हिन्दी साहित्य के युग पुरुष

भारतेन्दु हरिश्चन्द्र : आधुनिक हिन्दी साहित्य के युग पुरुष

जीवनी हिंदी साहित्य में अपने अल्प जीवन काल में जिस व्यक्ति के नाम पर एक युग की शुरुआत होती हैं वे थे भारतेंदु हरिश्चंद्र। उन्होंने अपने मात्र 35 वर्ष के जीवन काल में इतना लिख गए जितना लोगों को सैकड़ो वर्षों में भी लिखना मुश्किल था । यही कारण है कि उन्हें हिंदी साहित्य का…

स्वामी शिवानंद सरस्वती : योग के वैज्ञानिक

स्वामी शिवानंद सरस्वती : योग के वैज्ञानिक

योग के वैज्ञानिक स्वरूप का अनुसंधान जिन महान पुरुषों ने किया उनमें स्वामी शिवानंद जी का नाम प्रमुखता से लिया जाता है । स्वामी जी ने ऐसा दिव्य पथ का निर्माण किया जिस पर चलकर प्रत्येक मानव अपने जीवन का सफल बना सकता है। यही कारण है कि उन्होंने अपनी संस्था का नाम दिव्य जीवन…

आओ भगवान श्रीकृष्ण से सीखें | Aao Bhagwan Shri Krishna se Sikhe

आओ भगवान श्रीकृष्ण से सीखें | Aao Bhagwan Shri Krishna se Sikhe

भगवान श्री कृष्ण का जन्म हम प्रति वर्ष मानते हैं लेकिन सीखते कुछ नहीं, यही हमारी विडंबना है। एक बार महाभारत हो गया फिर भी नहीं सुधरे हम। कितनी खून की नदियाँ बहानी पड़ेगी? कृष्ण को कितनी बार जन्म लेकर ये बताना पड़ेगा कि आपस में प्रेम से रहो। प्रेम से रहने में क्या कठिनाई…

डॉक्टर राधाकृष्णन : भारतीय दर्शन की साकार प्रतिभा

डॉक्टर राधाकृष्णन : भारतीय दर्शन की साकार प्रतिभा

शिक्षा जगत में बढ़ते गिरावट से पूरा विश्व प्रभावित हो रहा है। भारत के साथ ही पश्चिमी देशों में भी सामाजिक चिंतकों को यह सोचने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है कि इसी प्रकार युवा पीढ़ी में यदि अनुशासनहीनता, नशाखोरी , बाल अपराध बढ़ते रहे तो कौन उन्हें दिशा देगा ? क्या उन्हें अपने…

जिम्मेदार कौन | Zimmedar Kaun

जिम्मेदार कौन | Zimmedar Kaun

एक मंदिर में साईं बाबा की मूर्ति स्थापित की जा रही थी। ढोल नगाड़े बज रहे थे। साईं बाबा की मूर्ति शंकर भगवान के बगल में स्थापित करना था। ऐसे में महेश नाम के एक स्थानीय व्यक्ति ने विरोध किया। उसने कहा,-” भोले शंकर की मंदिर में साईं बाबा की मूर्ति नहीं स्थापित हो सकती…