गणेश विसर्जन

गणेश विसर्जन | Ganesh Visarjan

गणेश विसर्जन ( Ganesh Visarjan ) माथ चन्दन~गणेश विसर्जनकोटि वंदन●शुभभावना~अनन्त चतुर्दशीपूर्ण कामना●धर्म में वृद्धि~घर-घर में शांतिसुख समृद्धि●मंगल मूर्ति~हे! गणपति बप्पादो हमें स्फूर्ति●मन में हर्ष~हे! बप्पा जल्दी आनाअगले वर्ष● निर्मल जैन ‘नीर’ऋषभदेव/राजस्थान यह भी पढ़ें :-

भाषा है हिंदी | Bhasha hai Hindi

भाषा है हिंदी | Bhasha hai Hindi

भाषा है हिंदी ( Bhasha hai hindi ) करो वंदन~मातृ भाषा हिंदी काअभिनंदन•हिंदी दिवस~विश्व पटल परफैले सुयश•माथे की बिंदी~देवनागरी लिपिभाषा है हिंदी•प्रभु भजन~लोरी शेरो शायरीहिंदी गज़ल•हिंदी पे नाज़~हर दिल अज़ीजसिर का ताज़•जगाती प्रीत~सप्त सुरों में गूँजेगीत-संगीत•हिंदी है शान~हिंदुस्तानियों का हैये अभिमान•शुभकामना~हिंदी हो राष्ट्र भाषायही भावना• निर्मल जैन ‘नीर’ऋषभदेव/राजस्थान यह भी पढ़ें :-

गुरू | Guru

गुरू | Guru

गुरू ( Guru ) गुरू महान~ उनके चरणों में सारा जहान ● गुरू ही सार~ बिन गुरू लगता जग असार ● गुरू वंदन~ गुरू त्याग की मूर्ति गुरू चंदन ● गुरू ही आस्था~ प्रभु से मिलने का गुरू ही रास्ता ● गुरू प्रमाण~ जीवन सार तत्व गुरू ही प्राण ● निर्मल जैन ‘नीर’ ऋषभदेव/राजस्थान यह…

बाढ़ विभीषिका

बाढ़ विभीषिका | Baadh Vibhishika

बाढ़ विभीषिका ( Baadh Vibhishika ) नदी उफान~ बाढ़ की विभीषिका डूबे मकान ● मूसलाधार~ झुग्गी-झोपड़ियों का कहाँ आधार ● हुई है भूल~ ताश के पत्तों जैसा ढहता पुल ● जीवन त्रस्त~ अथाह जल राशि हौसले पस्त ● हे!कद्रदान~ नदी से नदी जोड़ो है समाधान ● ————— निर्मल जैन ‘नीर’ ऋषभदेव/राजस्थान यह भी पढ़ें :-…

Hal Chhath

हल छठ पर हाइकू

हल छठ पर हाइकू माह पावन भाद्रपद षष्ठी को छठ पूजन, पुत्र पुत्री के लंबी उम्र के हित व्रत रखते, छट की पूजा करते हिलमिल प्रकृति पूजा, लगता भोग चावल पसही का है उपयोग, महुआ लाते दूध दही भैंस का खाया करते। कर अर्पण सतंजा अनाज को भर कुल्हड़, महुआ पत्ते और उसके दोने शुभ…

Nivatiya ke Haiku

निवातिया के हाइकु | Nivatiya ke Haiku

निवातिया के हाइकु ( Nivatiya ke haiku ) विद्या : माहिया (१) मैं कलि हूँ खिलने को घूंघट तब खोलूं जब आओ मिलने को !! (२) इतना क्यों तरसाया, ये तो बतलाओ, क्यों हमको तड़पाया !! (३) हर-पल मुझको छेड़े, चलती जब पुरवा, उजड़े मन के खेड़े !! (४) किस विध मैं समझाऊं, इस मन…

वसंत ऋतु

बसंत हाइकु | Basant par Haiku

बसंत हाइकु ( Basant Haiku )    १. कोयल गायें, सरसों लहलायें बसंत आये !! २. सरसों छाये, ओढ़े पीली चादर, खेत मुस्काये !! 3. बागों में शोर लदने लगे जब, आमों पे बौर !! ४. नई डालियाँ, बसंत ने खिलाई नई कलियाँ !! ५. बसंत कवी, मीठी धूप सृजन कराये रवि !! डी के…

lohri

माहिया | Mahiya

माहिया ( Mahiya ) महका महका ये तन, चाहत में तेरी, बहका बहका ये मन !! १ !! * अनजाना सा होकर, मन खुश कब होता, सब चैन सुकूँ खोकर !! २ !! * यह वक्त बताता है, भर जाना इक दिन यह जख्म जो ताजा है !! ३ !! * तन्हाई मिलती है यार…

Chhoo Gayi Man

छू गई मन | Chhoo Gayi Man

छू गई मन ( हाइकु )   छू गई मन, फ़िज़ाओ में बिखरी तेरी खुशबू !! आँखें है दंग, पढ़ी मन की चिट्ठी प्रीत के संग !! नेह धूप से, हर लेता है मीत, मन का शीत !! छोड़ के मौन, उड़ेगा ये पखेरू, ढूंढेगा कौन !! शीत का शोर, कुहासा ओढ़कर सूर्य है मौन…

चाय पर : हाइकु

चाय पर : हाइकु

चाय ( Chai )    गरमाहट लाती हैं चुस्कियां गर्म चाय की ।। बातें भी होती गरमा गर्म चाय के साथ सभी ।। कुछ पुरानी कुछ नई बाते हैं, मुलाकाते हैं ।। सबको बुलाए आओ चाय बनाएं ताजा हो जाएं।। पकौड़े साथ मसाला वाली चाय आज हो जाएं।। किस्से सुनाते, विसराए पल भी , हाँ…