Nivatiya ke Haiku

निवातिया के हाइकु

( Nivatiya ke haiku )

 

दरख़्त झुके,
हिम अगवानी में,
पवन रुके !!

*

हिम चादर,
तानकर है लेटा,
पार्क में बेंच !!

*

सर्दी का भूत,
हिम राहों पे घूमें,
बनके दूत !!

*

लेन में खड़े,
बर्फ में नहाते है,
चीड़ के पेड़ !!

*

बर्फ मुस्तैद,
घर बने पिंजरे,
इंसान कैद !!

DK Nivatiya

डी के निवातिया

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