मॉं शारदे, विद्या, विवेक मान दो
मॉं शारदे, विद्या, विवेक मान दो माँ शारदे, विद्या विवेक मान दो,मुझे सुर साम्राज्ञी जैसी तान दो।मेरा वाचन दिव्यमयी हितकारी हो,माँ शारदे, ब्रह्माणी ये वरदान दो।टेक। मेरे सिर-माथे वरद हस्त रख दो,सुमन शब्द-अक्षर ज्ञान-मख दो।प्रतिभा स्वयं,पर अल्पज्ञ मूरख हूँमाँ-कल्याणकारी शुभम कर दो ।पूजा अर्चन करूॅ तेरी आराधना,नारियाँ हों सशक्त,स्वाभिमान दो।माँ शारदे विद्या विवेक मान दो,मुझे…