Ram Ram

सत्य राम कहॉं से लाऊँ?

सत्य राम कहॉं से लाऊँ? दशानन रावण का अहम् हुंकार ,विजय से पराजय जाता है हार,पर यह तो त्रेतायुग की कहानी,कलयुग रावणों का ही है संसार । दुष्कर्म,विवाद,द्वेष,दम्भ,दिखावट,ढूँढती कहाँ हैं राम, कहाँ है केवट?छल-कलह,दगेबाज,कपटी-व्यापार,अन्याय,अत्याचार,अनादर, बनावट। प्रत्येक साल विजयादशमी है आती,नई ऊर्जा जन-जनार्दन में है भरती,नौ दिन आदिशक्ति देवी नवरात्र पर्व,रामलीला प्रदर्शन हर्षोल्लासित करती। प्रशंसा से…

दशहरा 2024

दशहरा 2024 | Dussehra

दशहरा 2024 कब तक जलाओगे मुझे ?युग बीत गयेकितने कल्प गये बीतरखता हूँदशकंठहै मेरे दशशीश..आँखे घूमती सब दिशाओं मेंहाथ रखता मैं बीसो बीस…शब्द जो निकला मुँह सेभिक्षाम दे माई…फीर देखी मैने माँ सीता मेंजगदजननी की प्रीतमर्यादा की निभाई रीतचाहता तो मैं बदल जाताशब्द जाता भूलमन के वचन को बनाता धूल…मैंने बचाया जगदजननी का मानस्वयं से…

माँ से ख़ुशी

माँ से ख़ुशी

माँ से ख़ुशी माँ दुर्गा का साया जीवन में हो lआयी ख़ुशियों की छाया अहो llपग – पग शांति का निवास हो lप्रतिदिन प्रकाश का वास हो llतू अंबे , जग दंबे lतुही दुर्गा , तुही लक्ष्मी ll खेलो – कूदो उल्लास के आँचल में lक्लेश – कष्ट दूर हो छाह के भाव में llओड…

रजनी गुप्ता ‘पूनम चंद्रिका’ की रचनाएँ

रजनी गुप्ता ‘पूनम चंद्रिका’ की रचनाएँ

कुछ तो है वो बात : गीत सुनकर तुम शरमार्ई “रजनी!” “कुछ तो है वो बात!”चाँद छेड़कर पूछ रहा है, सिहर उठा क्यों गात? तारों वाली झीनी चुनरी, महक रहा है वेश।बेला-चंपा से हैं सज्जित, घूँघर काले केश।संध्या की लाली गालों पर, अधर हुए जलजात।“कुछ तो है वो बात!” सुनो रूपसी क्यों करती हो, तुम…

रतन टाटा जी

श्री रतन टाटा जी को श्रध्दांजलि

श्री रतन टाटा जी को श्रध्दांजलि देखो लोग कलयुग से आजसतयुग पुरुष की विदाई हो गई।जो जीता और मरता थाबस भारत देश के लिए।जिसने पिन और नामक से लेकरहवाई जहाज तक बनाकर दिखाया।ऐसे महान पुरुष श्री रतन कोश्रध्दा सुमन अर्पित करता हूँ।। जीवन का उनका जो लक्ष्य थाउसको उन्होंने सदा पूरा किया।मानवता की ह्रदय पर…

प्राची अमर उजाला है

प्राची अमर उजाला है | Prachi Amar Ujala Hai

प्राची अमर उजाला है ( Prachi Amar Ujala Hai ) संसार प्रकृति के नियमों के अधीन है lऔर परिवर्तन एक नियम है lशरीर तो मात्र एक साधन है lआज इसका है ,तो कल उसका है lओ मेरी भारत की बेटी lक्या सोचा था ? क्या होगया ? तुझे प्रतिभा का दर्पण नहीं ,प्रतिभा की उमँग…

Jeevan tarangini

जीवन तरंगिणी : ( दिकु के प्रति प्रेम के भाव )

जीवन तरंगिणी ( Jeevan tarangini ) जीवन की इस तरंगिणी में, तेरे साथ बहता हूँ,हर लहर में तेरा नाम लेकर मैं खुद को ढूंढता हूँ।तेरे बिना भी दिल की धड़कनों में तू ही बसी रहती है,बस एक तेरे वजूद से ही तो मेरी दुनिया चलती है। हर ख्वाब में तेरे संग होने का एहसास पाता…

शिकायत

शिकायत Shikayat

शिकायत ( Shikayat ) तूने नज़रें फेरीं, मगर तू मेरी रूह में बसी रह गई,तेरे बिना ये अधूरापन, जैसे कोई दास्तां अधूरी रह गई।तेरे बिना भी ये दिल तुझसे ही जुड़ा रहता है,शिकायतें हैं तुझसे, पर प्यार फिर भी हदों से परे करता है। तेरी खामोशियों में छिपी हैं अनगिनत बातें,तेरे ख्यालों से अब भी…

बांसुरी बजाने बाला

बांसुरी बजाने बाला

बांसुरी बजाने बाला बांसुरी बजाने बाला कन्हाई नहीं होता।मजबूरी में लिया फैसला बेवफाई नही होता। बाज़ू न होने का दर्द उससे पूछो।जिसका कोई भाई नहीं होता। मां को ठुकराओगे इस कदर तो।दुःख में आंचल सहाई नहीं होता। उसकी सूरत ओ लिबास मत देखो।सच कहने वाला सौदाई नहीं होता। रह कर दिल में न मिलने का…

दिल तो करता है कि

दिल तो करता है कि | Dil to Karta Hai Ki

दिल तो करता है कि ( Dil to Karta Hai Ki ) धूप को बांध एक गठरी मेंहवा का रुख मोड़ दूं … सहरा की तपती रेत मेंपानियों की बौछार कर दूं… दिल को भींच हाथों मेंलहू हलक में उसके उतार दूं… उधड़ती बुनती ज़िंदगी कोऊन का गोला सा बना उछाल दूं… क्या कहेगा कोई,…