Suna Tha

सुना था | Suna Tha

सुना था ( Suna Tha ) ( बेटी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ) सुना था बचपन में हमने एक छोटा सा राजकुमार आएगा सुनहरे घोड़े पर बिठाकर अपने महलों में ले जाएगा सुना था हमने दादी के मुंह मैं हूं एक छोटी सी राजकुमारी कहते कहते गले लगाकर मुझे सुनाती एक कहानी सपने देखे थे…

ज़िन्दगी मुश्किल तो है

ज़िन्दगी मुश्किल तो है

ज़िन्दगी मुश्किल तो है ज़िन्दगी, मुश्किल तो है ।पर मुश्किल का ,कोई हल भी तो है ।सफ़र है बहुत लम्बा,पर कहीं मंज़िल तो है ।विघ्नों से ना डरा कर,बेख़ौफ़ सामना कर ।कर लेगा पार नौका,ना छोड़ना तू मौका ।हर मुश्किल दूर होगी,फिर सुख की सुबह होगी ।हां ज़िन्दगी कठिन है,पर ऐसा थोड़े दिन है ।यह…

कविता का सच | Kavita ka Sach

कविता का सच | Kavita ka Sach

कविता का सच ( Kavita ka Sach ) सुनो, कविता काएक सच सुनोजब सारे चौकन्नेझूठ सोते है,तब शर्मीली-सीसच्चाइयाँ कवितामेंअंकुरित होजागती है।जब हमारी मिली-जुलीइच्छाएँ हारनेलगती हैतो वे हुनर कीशरण ले लेती हैं।तुम्हारी स्मृतियाँमुँह लटकायेघर की दरों-दीवारपर आ बैठती है।वहाँ उसेदेहरहित उपस्थिति केस्वादिष्टदिलासे नही पसन्दजहाँ शाखाओं कीजड़े पेड़ के भीतरफूटती हैवहाँ प्रेम कीशाखाएँस्मृतियों के भीतरजा फूटती है।मिठास…

मैं हूँ दीपक एक बदनाम सा

डॉक्टर दीपक गोस्वामी की कविताएं | Dr. Deepak Goswami Poetry

नैना चौ लुटे बीच बाजार नैना चौ लुटे बीच बाजार,नैनन ते नैना बतियाते ।करें आर की पार नैना चौ लड़े बीच बाजार,हिय भीतर हिचकोले लेके पिया को चढ़यो बुखार। अब पड़ेगी कैसे पार,नैना बतरामे क्यों यार,सब नाते थोथे अब लगते भोजन रुखो बेकार।पिया की लपसी ऐसी चाटी,सुधि बुधि गई सब हार,नैया मुद गए बीच बाजार।…

Dastoor

दस्तूर | Dastoor

दस्तूर ( Dastoor ) दस्तूर दुनिया का ,निभाना पड़ता है ।अनचाहे ही सही ,सब सह जाना पड़ता है ।सच को ही हमेशा ,हमें छुपाना पड़ता है ।वक्त तो चलता जाता ,हमें रूक जाना पड़ता है ।बिना प्रेम के भी कभी ,रिश्ता निभाना पड़ता है ।आते हैं दुनिया में तो ,जीकर जाना पड़ता है ।जज्बातों को…

मैं हूँ दीपक एक बदनाम सा

मैं हूँ दीपक एक बदनाम सा

मैं हूँ दीपक एक बदनाम सा जलता सदा तम से जंग के लियेरात बढ़ती रही बात गढ़ती रहीजिंदगानी कटी रोशनी के लिएइस कदर यूँ ना हमसे नफरत करोहम भी परछाई है इस वतन के लिएसत्य की परख असत्य की हर खनकजलाती बुझाती रही नई रोशनी के लिएअज्ञानी हूँ सोचता समझता भी नहीदिल मचलता सदा अंतिमजन…

Hindi ke Utsang Mein

हिंदी मेरी मां है, पीपल की छांव है

हिंदी मेरी मां है एक रात ख्वाब में आई, हिंदी मांसुनाने लगी अपनी दास्तांमैं तुम्हारी मां हूं, पीपल की छांव हूंसुबह उठती हूं, प्यार से जगाती हूं,लोरी प्रेम की हर दिन सुनाती हूंव्यथित मन अब टूटने लगामुझको सब अब लूटने लगातुम भी चुप, सब कुछ सह जाते हो,जानकर भी अनजान रह जाते होमेरे चंद्र को…

एकांत

एकांत | Ekant

एकांत ( Ekant ) यह एकांत जो हमें ,हमसे मिलाता है ।यह एकांत जो हमें ,जीना सिखाता है ।यह एकांत जो हमें ,शक्तिशाली बनाता है ।यह एकांत जो हमारे ,गुणों को बाहर लाता है ।यह एकांत जो हमारे ,ह्रदय में चैन लाता है ।और धीरे धीरे यह ,हमारे जीवन का ,महत्वपूर्ण भाग बन जाता है…

Chhand Gajanand

गजानंद जी चले | Gajanand ji Chale

गजानंद जी चले ( Gajanand ji Chale ) गजानन जी चले अपने धामचलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम। झांकी सजाओ बनाओ मोदक पकवानमूषक पर होके सवार चले गजानन जीआया बुलावा मां पार्वती कागजानन जी चले अपने धामचलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम भक्तों की पड़ी भीड़ देने को विदाईआज तो सारा जग है…