स्पृहा नीरव पथ पर, नेह अमिय स्पंदन
स्पृहा नीरव पथ पर,नेह अमिय स्पंदन
उर तरंग नवल आभा,
प्रसून सदृश मुस्कान ।
परम स्पर्शन दिव्यता,
यथार्थ अनूप पहचान ।
मोहक स्वर अभिव्यंजना,
परिवेश सुरभि सम चंदन ।
स्पृहा नीरव...
अप्रेल फूल | एक हास्य कविता
अप्रेल फूल
( April Fool )
कुंवारे पन से जब मैं एक दिन ऊब गया,
फिल्मी माहौल में तब पूरी तरह डूब गया!
बॉलीवुड का जब मुझ...
सहारा | Kavita Sahara
सहारा
( Sahara )
लड़ा नही जाता अब हालातो से
अब टूटते हुए सपनो के टुकड़ों को
संभाला नही जाता
मां की ममता का स्नेह अब
बताया नही जाता
अब...
नवरात्रि पर्व (चैत्र) सप्तम दिवस | Chaitra Navratri Parv
नवरात्रि पर्व (चैत्र)
( Navratri Parv )
सप्तम दिवस
भुवाल माता का स्मरण सदा साथी
इस जग में कोई दूसरा न साथी है ।
भुवाल माता पर श्रद्धा मानो
दीपक...
अकेलापन | Kavita Akelapan
अकेलापन
( Akelapan )
आज कल
अकेलापन महसूस कर रहा हूं
ना जाने क्यूं ऐसा लगा
दादी की कहानी
दादा जी का लाड
मां की ममता
ओर खोया बहुत
चिढाचारी का खेल
जोहड़...
मूर्ख दिवस | Kavita Murkh Divas
मूर्ख दिवस
( Murkh Divas )
हम मुर्ख बने मुर्ख रहे
आज भी मुर्ख बनें हैं मुर्ख हैं
सोचे हि नहीं कभी
तात्पर्य इस मूर्खता का
कर लिए स्वीकार्य...
जी लेते हैं चिथड़े में खुशहाली में | Kavita Ji Lete
जी लेते हैं चिथड़े में खुशहाली में
फुटपाथ पर ही हमें हरियाली है
जी लेते हैं चिथड़े में खुशहाली है।
कचड़े में अरमान तलाश लेते हैं
नहीं चोट...
बेहतर | Hindi Poem Behtar
बेहतर
( Behtar )
धन की मदद नही कर सकते किसी की
उसकी वैचारिक मदद तो कर ही सकते हो
ज्ञात है कि कोई मार्ग से भटक...
फेस बुक मैत्री | Kavita Facebook Maitri
फेस बुक मैत्री
( Facebook Maitri )
फेस बुक मैत्री,नव उत्साह उमंग जगाती
अपनत्व भरी प्रेरक आभा,
अनंत ममता स्नेह दुलार ।
घनिष्ठता परम अभिव्यंजना,
पुनीत पावन शब्द धार ।
ज्ञान...
मैं अकेला | Kavita Main Akela
मैं अकेला
( Main Akela )
अकेला हूँ
पर अकेला नहीं
मेरे साथ है
तारो भरी रात
चाँद की चाँदनी
मुहँ पर आई झुर्रियां
माथे पर पड़ी सकीन
एक सुनसान रात में
जब...