ए ज़िन्दगी! | Aye Zindagi
ए ज़िन्दगी!
( Aye Zindagi )
उसे
चुन
लिया
जिसे
चाहा
नहीं
था
कभी…..
मुझे
मुआफ़
कर
ए ज़िन्दगी!
डॉ जसप्रीत कौर फ़लक
( लुधियाना )
बादल ( Badal ) खतरे के बादल मंडराये कहर कोरोना लेकर आये सारी दुनिया कांप उठी सांसो की हम डोर बचाए उमड़ घुमड़ नभ मे छा जाते काले काले मेघ आते खुशियों की बारिश लाते ताल तलैया भर जाते गड़ गड़ करते व्योंम में कड़कड़ बिजली दमकती मूसलाधार बरसते रिमझिम रिमझिम…
हो शालू! ( Ho Shalu ) झमकावेलू, आंख देखावेलू लचकावेलू, मटकावेलू धमकावेलू, महटियावेलू ना आवेलू, अंठियावेलू सुनावेलू, सतावेलू। लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर सलेमपुर, छपरा, बिहार । यह भी पढ़ें : मंजूर के दोहे | Manzoor ke dohe
वक्त ( Waqt ) वक्त से ना बड़ा कोई पहले हुआ, वक्त से ना बड़ा कोई हो पायेगा। वक्त से कोई पहले हँस ना सका, वक्त से कोई पहले ना रो पायेगा।। ना किसी के लिए रुका है कभी ना किसी के लिए झुका है कभी उसके अंतस में क्या है समझ न…
दीप सा दिन रात मैं ( Deep sa din raat main ) दीप सा दिन रात मैं, जलता रहा जलता रहा. बस अंधेरों को यही, खलता रहा खलता रहा. चैन से बिस्तर में आकर, वो कभी सोता नहीं दूसरों को जो सदा, छलता रहा छलता रहा. वक्त पर जो वक्त की, करता…
जज़्बातों की दास्तान ( Jazbaaton ki dastaan ) जीवन की आधी रातें सोच-विचार में और आधे दिन बेकार हो गए, जो थे आंचल के पंछी अब हवा के साहूकार हो गए, हर रोज़ कहती है ज़िंदगी मुझसे जाओ तुम तो बेकार हो गए, हम भी ठहरे निरे स्वाभिमानी, लगा ली दिल पर चोट गहरी,…
Dr. Jaspreet Kaur “Falak” ji ka ‘ Andaaj e bayan ‘ sabse juda sa hai.Dil ki gehrai se unhone lafjon ko chua toh hai.
Navin Sharma ‘tanha’. Ludhiana.