डॉ. बीना सिंह “रागी” की कविताएं | Dr. Beena  Singh Raggi Poetry

डॉ. बीना सिंह “रागी” की कविताएं | Dr. Beena  Singh Raggi Poetry

मैं मां हूं कारी कारी बदरी सन सनन बहती हवा शीतल पुरवाई हूंहां साब मैं मां हूं हंसी-खुशी के संग संग दर्द और तन्हाई हूंनेह निमंत्रण देकर रिश्तों को बांधे रखा हमनेफर्ज समझ बोझ को अपने दोनों कांधे रखा हमनेजननी हूं धात्री हूं खुदा रब्बा गाड भगवन की परछाई हूंहां साबचंचल चपल दौड़ती भागती चिंता…

श्रीमती उमेश नाग की कविताएं

श्रीमती उमेश नाग की कविताएं

भगवान होते हैं जो बुद्धि, वाणी, इन्द्रियों से परे है,अजन्मा, माया, मन और गुणों के पार है।वहीं सच्चिदानंदघन ईश हमारा,भगवान का अवतार है।सृष्टि का नायक, ब्रम्हांड को चलाता है,हमारे चक्षु व मस्तिष्क के परे- अज्ञात है।वही तो भगवान होते हैं,कहीं मुरली बजाता है व-कहीं पर नृत्य करता है।सोलह कलाओं को बादशाह,सभी रूपों में सुशोभित वो…

वृक्ष

वृक्ष हमारे तुम संरक्षक हो

वृक्ष हमारे तुम संरक्षक हो वृक्ष हमारे तुम संरक्षक होहरे भरे हो खड़े हो सीना ताने।भव्य शस्यश्यामल है रूप तिसारा,लगते कोई हमारे शुभ चिंतक हो।घने घने हरे भरे पत्तों से सुशोभित,थलचर -नभचर को आश्रय देते-हो।शीतल छांव तुम्हारी देती आश्रय,हर प्राणी हर चर अचर को।सकल ब्रम्हांड में हो जय जयकार तुम्हारी,वृक्ष तुम मित्र हो, है तुम्हारी…

आंवला नवमी दिवस

आंवला नवमी दिवस

आंवला नवमी दिवस आंवले के वृक्ष की छांव में, सुख की अनुभूति पाए,हर शाख इसकी वंदना करें, आरोग्य का संदेश ये लाए। धरा का ये अनमोल वर, गुणकारी अमृत कहलाए,सर्दियों की पहली दस्तक में, नवमी पर्व मनाए। सौंदर्य और सेहत का, अनोखा संगम लाए,शारीरिक बल और आरोग्य का आशीर्वाद दिलाए। आंवले के रस का रसिक,…

चाय के घूंट

चाय के घूंट | Chai ke Ghoont

चाय के घूंट ( Chai ke ghoont ) चाय के गौरव का क्या कहना,नाम आते ही चेहरे पर शबाब आया।पिलाने वाले साकी की बातनही टाली जाती,करके तौबा इसे पीली जाती है।नीलगिरी की वादियों में हैं,चाय के बागान।सुहाना था इसकी आन‌ शान,रहें थे इक‌ दिन हम इस बाग के –आशियाने में।देखें सुबह की धुंध,बालकनी पर दो…

नई सुबह

नई सुबह | Nayi Subah

नई सुबह ( Nayi Subah ) रात की चादर में लिपटा एक सपना है,तेरी राह तकता ये मन बेचैन अपना है।हर बीते पल में तेरा ही ख्याल है,सुनो दिकु, बिना तुम्हारे ये जीवन जंजाल है। तुम बिन ये सवेरा भी अधूरा सा लगता है,उजालों में भी जैसे दिल में अंधेरा बसता है।तेरी हँसी की किरन…

नारी की वेदनाएं

नारी की वेदनाएं

नारी की वेदनाएं नारी को हि बोझ अपना समझ रहे हो क्यों ?गर्भ में हि कोख से उसे हटा रहे हो क्यों ? निर्जन पथ पर बचा न पाती अस्मत नारी,नोच रहे क्यों दानव बनकर नर बलात्कारी | दासी मानकर चाहते हैं गुल्लामी उसकी,कन्या को पूज कर चाहते हैं कृपा भी उसकी | अशिक्षित हि…

छठ पूजा महापर्व

छठ पूजा महापर्व

छठ पूजा महापर्व आया पर्वो का पर्व महापर्व,छठी मैया की पूजा का पर्व।दशहरा दिवाली के बाद ,छठी पूजा है हमारा गर्व।। लोकगीतों से शुरू होता है,परंपराओं से जुड़ा हुआ है।है त्यौहार यह अलौकिक,मान्यताओं से घिरा हुआ है।। बड़ा अनोखा है इसका इतिहास,छठी पर्व की जिन्होंने किया शुरुआत।मंगल कार्य है यह पूजा,विशेष महत्व है इसे प्राप्त।।…

छठी

जय छठी माँ

जय छठी माँ कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में, आता पर्व महान,सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. चार दिवस का पर्व अनोखा, युगों से चलती आई,सीता मैया, कर्ण और पांडव, साथ में कुंती माई. भक्ति भाव उमड़ पड़ता है, करते सब गुणगान,सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. प्यारी बहना…

छठलोकगीत

हे सूरज देवा | छठलोकगीत

हे सूरज देवा पानी के पियासल तिरिया,जोहत बाटिन बांट हो,हे सूरज देवा,जल्दी जल्दी आवा हमरे घाट हो,हे सूरज देवा –2 रहम करा तीन दिन से,बाटी हम भूखल पियासल,बदरी में जाके काहे,करत हौआ लुकाछिपल,अब ना सतावा जल्दी हेन्हें आवा हो,हे सूरज देवा।जल्दी जल्दी आवा हमरे घाट होहे सूरज देवा—2। अबकी बरस हम कईले बानी छठ पूजा,बनउले…