होली में तेरी याद

होली में तेरी याद

होली में तेरी याद गुलाल भी फीका, अबीर भी रूठा है,तेरे बिना हर रंग जैसे टूटा है।भीड़ में हूँ पर तन्हा खड़ा हूँ,तेरी हंसी के बिना हर मौसम सूखा है। जहां एहसासों के रंगों से तेरा चेहरा सजाता था,आज वही हाथ कांप सा जाता है।तेरी हँसी की गूंज कहाँ खो गई दिकु,अब तो हर खुशी…

Kavita Holi ka Rang

रंगों का त्यौहार है होली

रंगों का त्यौहार है होली खुशियों का इजहार है होली ,रंगों का त्यौहार है होली ॥ जिसके प्रियतम पास नहीं हैं,उसके लिए अंगार है होली । सच हो जाते जिसके सपने ,उसके लिए बहार है होली । रंग रंगीला जीवन जिसका ,उसके लिए बहार है होली । जहाँ वक्त पर रोटी मुश्किल ,वहाँ पर खड़ी…

Narendra Kumar

नरेन्द्र कुमार की कविताएं | Narendra Kumar Poetry

जोगीरा १जोगीरा सरा रा.. जोगीरा सरा रा..सास तिरथ ससुर तिरथतिरथ साला साली बासढुआरा से बड़ नाता नामेहररूए तारणहारी बाबोलअ हई रे हई रे हा…२जोगीरा सरा रा.. जोगीरा सरा रा..दु दर्जन शाली दु दर्जन सरहजएको अंग में रंग ना लागलविस्तर रह गईल खरहरबोलअ हई रे हई रे हा…३जोगीरा सरा रा.. जोगीरा सरा रा..मरद के मेहरारू मानत…

kaash

काश!

काश! कर्म न जाने ,धर्म न जाने फिर सोचे यही बातकाश ! ये करता ,काश! वो करताकाश ! ये होता, काश ! वो होताकाश -काश कश्मकश में उलझा है इंसान ,माया के इस चक्रव्यूह में फंसा हुआ है नादान। सत्य ना बोले ,नित्य ना होवे,फिर सोचे यही बातकाश ये सुनता ,काश वो सुनताकाश ये होता,…

चेतावनी गीत

चेतावनी गीत

चेतावनी गीत सही चिकित्सा करनी होगी ,बहसी और दरिन्दों की ।शीघ्र व्यवस्था करनी होगी ,बस, फांसी के फन्दों की ॥ अभी अधखिली कली ,फूल बनने की थी तैयारी में ।अपनी खुशबू से गुलशन को ,महकाने की बारी में ।किन्तु खिलने से पहले ही ,बेरहमी से मसल दिया ।बनना था उसको प्रसून ,पर कैसे रूप में…

ये मछलियां

ये मछलियां

ये मछलियां ! मछलियां अक्सर ज़िन्दा रह जाती हैंअपने गिल्स फड़फड़ाते,छिपा जाती है लिंब। स्त्री भी ज़िंदा रह जाती हैपलकें फड़फड़ाती अपने श्वसन तंत्र में।धरती को ही तो देख पाती है,अपने ही किसी चाँद में तैरते हुएऔरछिपा लेती है अपना स्त्री लिंग। अपने माथे की बिंदी को मानती है,मछलियों का चूमना।ये भी एक शगुन हैक्योंकि…

नारी शक्ति

नारी शक्ति

नारी शक्ति (अबला नहीं) नारी हूं मैं नारायणी,शक्ति का अवतार।।अबला नहीं समझो मुझको,नहीं समझो लाचार।। सबला हूॅ॑ लक्ष्मीबाई सी,सती सीता कहलाऊं।।प्रेम सरिता राधारानी,ज्योति स्वरुपा बन जाऊं।। मुझसे ही है सृष्टि सारी,जगति का आधार।।मुझसे से ही चले गृहस्थी,फूले-फले घर-द्वार।। नारी रूप है नारायणी का,इसके रूप हैं हजार।।माॅ॑ बेटी बहन पत्नी रूप में,इसी से चलता ये संसार।।…

Sahir Ludhianvi

पल दो पल का शायर

पल दो पल का शायर साहिर;वह लफ़्ज़ों का जादूगरपल दो पल का शायरउसने सहेवक़्त के सितमयहीं से बन गया उसका विद्रोही क़लम कौन भूल सकता हैउसकी ज़िन्दगी की “तल्ख़ियाँ”कौन भूल सकता हैउसके तसव्वर से उभरती “परछाइयाँ” हालांकि;लुधियाना शहर नेउसे कुछ न दियारुसवाई और बेरुख़ी के सिवाफिर भी;उसने लगा रखा अपने सीने सेइस दयार का नाम……

Holi Prem

होली का त्यौहार

होली का त्यौहार होली पर्व पर हमारा बस एक ध्यान हों ।हर पल हमारे प्रभुवर का नाम हों ।जब तक इस तन में प्राण हैं तब तक नाम हों ।हम मूर्च्छा को तोड़े प्रभुवर का नाम हों ।खाते – पीते सोते जागते प्रभुवर का नाम हों ।जग की माया से पग – पग पर हमने…

महिला दिवस – दिकु का सम्मान

महिला दिवस – दिकु का सम्मान

महिला दिवस – दिकु का सम्मान दिकु, तुम केवल नाम नहीं, एक पहचान हो,संघर्ष की राहों में जलती हुई एक मशाल हो।हर कठिनाई को हँसकर अपनाने वाली,त्याग और तप की सजीव मिसाल हो। हर दर्द सहकर भी मुस्कुराने वाली,सपनों को हकीकत में सजाने वाली।अपनी मेहनत से जो लिखे नई कहानी,नारीत्व की सच्ची और सुंदर निशानी।…