राह तेरी ओर

राह तेरी ओर

राह तेरी ओर ढूंढ रहा हूँ अब भी वो रास्ता,जिससे तुम तक अपने शब्द पहुँचा सकूं।दिल में जो दर्द दबा रखा है,वो तुम्हारे सामने बता सकूं। कोई एक आशा की किरण मिल जाए,जिससे अपनी मोहब्बत तुम्हें जता सकूं।तेरी यादों के अंधेरे में जो खो गया हूँ,वहां से उजाले में फिर लौट आ सकूं। लौट आओ…

दादी की जादुई सीख

दादी की जादुई सीख

दादी की जादुई सीख दादी ने पोती को गोद में बिठाया,चश्मे से झांककर प्यार से मुस्कुराया“सुनो बिटिया, तीन मंत्र मेरे,जीवन को बनाएंगे रंग-बिरंगे तेरे!”ज़िंदगी में तीन चीज़ें न छोड़ना,हर पल को सुंदरता से जोड़ना। पहला, पहनना सबसे सुंदर वस्त्र,हर दिन लगे जैसे कोई उत्सव मस्त।”चुनरी में तेरी चमकते सितारे हो बुनें,जूतों में बजें जिंगल-जंगल के…

वैवाहिक वर्षगाँठ

वैवाहिक वर्षगाँठ

26वीं वैवाहिक वर्षगाँठ राजेन्द्र और स्वाति भाभीजीको खूब- खूब “प्रदीप”की बधाई ।पति पत्नी का बंधन प्रेम की फुलवारी है ।राजेन्द्र और स्वाति भाभीजी का रिश्ता अटूट है ।बारिश की कुछ बूँदें- बूंदे आसमान से उतर,आती हैं जब धरती पर, बारिश की कुछ बूंदे,एक आहट सी होने लगती हैं,इंतजार में खड़ा हो जैसे कोई,प्यार की लगती…

आशी प्रतिभा दुबे की कविताएं | Aashi Pratibha Dube  Poetry

आशी प्रतिभा दुबे की कविताएं | Aashi Pratibha Dube Poetry

नारी सशक्तिकरण क्यों सुनती हो दुनिया कीदुनिया का काम है कहनाऊंच-नीच कुछ हो जाए तोनारी के नाम का ताना है।। अबला बन मत काम करोअपनी शक्ति को पहचानोनारी अपनी पर जब आ जाएतो मुठ्ठी में उसके ज़माना है।। कुच करो पुराने विचारों सेकुरीतियों को अब हटाना हैनई पीढ़ी को अब हे ” नारी “तुम्हें ही…

मानव अधिकारों के संरक्षण की आवश्यकता और क्रियान्वयन के उपाय

मानव अधिकार

मानव अधिकार स्वतंत्रता,समता अनेकों अधिकार मिला,मानव को न मानव अधिकार मिला,घर में मतभेद बच्चों -बूढो मेंरिश्ते नातों से बस घाव मिला,कौन लड़ें ,किससे कहें दिल कि बातेंअपनो से न अब वो भाव मिला,किस अधिकारों के लिए लड़ेंजब कहने, सुनने तक का न अधिकार मिला,घर से हो रही राजनीति देश तक जा मिला,हर परिवार को निगलने…

तू मेरा आसमान

तू मेरा आसमान

तू मेरा आसमान मैं वो चाँद, जिसका तेरे बिन ना कोई आसमां,तेरी बाहों के बिना हर रात लगे बेजुबां।सितारे भी बुझने लगे मेरी तन्हाइयों से,तेरी हँसी के बिना अधूरी है ये दास्तां। बादल भी अब मुझसे सवाल करते हैं,क्यों गुमसुम से रहते है, किसे याद करते हैं?मैं कहूँ क्या उनसे, कौन समझेगा दर्द मेरा,तेरी बिना…

तेरे बिना

तेरे बिना

तेरे बिना तू चली गई, मुझे तन्हा छोड़कर,तेरी यादों में हर लम्हा जलता गया।दिल ने अब धड़कना भी छोड़ दिया,बस तेरे जाने के बाद सब ठहरता गया। दीवारों से बातें अब आदत बनी,तेरी परछाईं भी खामोश हुई।अंधेरों में तेरी आहटें खोजूं,पर हर राह अब सूनी हुई। कभी हमसफ़र थे, साथ चले थे,प्यार की राहों में…

Holi Faag Geet

होली में हो गया खेला

होली में हो गया खेला होली में हो गया खेला झरेलाहोली में हो गया खेला, ज़ेलेंस्की देखत रहें हिरो बने के सपनारूस अमेरिका ने धड़के धकेला झरेलाहोली में हो गया खेला। होली में हो गया खेला झरेलाहोली में हो गया खेला। ज़ेलेंस्की पकावत रहें मन में पुवामुंह झुलस के भईल गुलगुला झरेलाहोली में हो गया…

नदी का किनारा

नदी का किनारा

नदी का किनारा बहती नदी संग मैं ठहरा सा बैठा,तेरी राहों में उम्मीदों को समेटा।लहरें भी अब तो कहने लगीं,दिकु, लौट आओ,इन्हीं दुआओं के धागों से हूँ मैं लिपटा। धूप-छाँव का ये खेल भी सुना सा है,तेरी हँसी के बिना हर रंग धुंधला सा है।पानी में देखूँ तो चेहरा तेरा उभरे,तेरी आहटों का हर साया…

Mai Sher Singh Saraf

शेर सिंह हुंकार की कविताएं | Sher Singh Hunkaar Poetry

होली फागुन के दिन थोडे रह गये, मन मे उडे उमंग।काम काज मे मन नही लागे, चढा श्याम दा रंग। नयन से नैन मिला लो हमसे, बिना पलक झपकाए।जिसका पहले पलक झपक जाए, उसको रंग लगाए॥ बरसाने मे राधा नाचे गोकुल मे श्रीश्याम।सीता के संग होली खेले,अवध मे राजा राम॥ काशी मे होली के रंग…