राह तेरी ओर
राह तेरी ओर ढूंढ रहा हूँ अब भी वो रास्ता,जिससे तुम तक अपने शब्द पहुँचा सकूं।दिल में जो दर्द दबा रखा है,वो तुम्हारे सामने बता सकूं। कोई एक आशा की किरण मिल जाए,जिससे अपनी मोहब्बत तुम्हें जता सकूं।तेरी यादों के अंधेरे में जो खो गया हूँ,वहां से उजाले में फिर लौट आ सकूं। लौट आओ…