तस्वीरें | Kavita
हर पल की यादें होती हैं “तस्बीरें” || १. हर तस्बीर कुछ कहती है ,हर तस्बीर की एक कहानी है | हर पल थमा सा लगता है ,तस्बीर उस वक्त की निसानी है | कुछ धुंधली कुछ नई सी हैं , मानो यादों की जवानी है | हर तस्बीर की अपनी अदा है , हर…
हर पल की यादें होती हैं “तस्बीरें” || १. हर तस्बीर कुछ कहती है ,हर तस्बीर की एक कहानी है | हर पल थमा सा लगता है ,तस्बीर उस वक्त की निसानी है | कुछ धुंधली कुछ नई सी हैं , मानो यादों की जवानी है | हर तस्बीर की अपनी अदा है , हर…
हिन्दुस्तान के हिन्दी हैं हम ( Hindustan ke Hindi Hai Hum ) १. बड़ी मधुर मीठी है , सुन्दर है सुरीली है | दिल को छू लेने वाली, नाजुक और लचीली है | हर हिंदुस्तानी की जुवां, पर राज है उसका | ऐसी हमारी राष्ट्र भांषा, हिन्दी अलबेली है | हिन्दुस्तान के हिन्दी हैं हम…
स्वच्छता ( Swachchhata : Kavita ) १.स्वच्छ भारत अभियान का समर्थन करो | गंदगी को साफ करो,स्वच्छ भारत का निर्माण करो || २.किसी एक के बस की बात नहीं,सबको मिलकर चलना होगा | इतनी अटी गंदगी को साफ हमें ही करना होगा || ३.अवैतनिक काम है ये,अद्रस्य रुप से करना है |…
जिंदगी बस यूं ही… ( Zindagi bas yuhi ) यूं ही कभी न हारना तुम, ना खोने देना अपनी पहचान । यूं ही आगे बढ़ना तुम, ना होना तुम कभी निराश । यूं ही तुम्हारी हर मंजिल तुम्हें मिलती जाएगी तुम्हारी हर चाहत मिलेगी, तुम्हारे हर सपने सच होंगे ।…
बेजुबान की आवाज़ ( Bezubaan ki awaz ) महाकाल तेरे इश्क़ में, चूर हो गया। ये लिखने पर, मजबूर हो गया। मैं नहीं था बुरा, मुझे तुमने बनाया है। इसलिए मैने भी, ये गाना रचाया है।। समझते क्या है तू, अपने आप को। मैने भी तेरे जैसों, को सिखाया है।। मैं महाकाल का लाल…
मुझे उड़ने दो ( Mujhe udne do : Hindi poem ) मैं तितली हूं.. मुझे उड़ने दो । मुझे मत रोको, मुझे मत टोको, मुझे नील गगन की सैर करने दो ।। मेरे पंखों को मत कतरो, मेरे हौसलों को मत तोड़ो, मेरी ख्वाहिशों को हौसला दो मुझे ऊंचाइयों को छूने दो । मैं…
इंसान बनो ( Insan Bano : Kavita ) ये हर तरफ क्या हो गया है, क्यों हर जगह उदासी का मंजर है । लोग छोटी-छोटी बातों पर, क्यों बेवजह लड रहे हैं, हर तरफ द्वेष नफरत ही, क्यों पल रही, बढ़ रही है ।। कहीं रिश्ते में दूरियां आ रही; तो कहीं इंसानियत मर…
प्रकृति से खिलवाड़ मत करो ( Prakriti se khilwar mat karo ) १) प्रकृति से खिलवाड़ मत करो, कुछ सोचो अत्याचार न करो प्रकृति है तो हमारा जीवन है, वरना कुछ भी नहीं I २) साँस ले तो प्रकृति देती है , साँस दे तो प्रकृति लेती है न होती प्रकृति तो सांसों…
मेरी इच्छा ( Meri ichha : Kavita ) काश हवा में हम भी उड़ते तितलियों से बातें करते नील गगन की सैर करते अपने सपने को सच करते बादलों को हम छू लेते चाँद पर पिकनिक मनाते मनचाही मंजिल हम पाते पेड़ो पर झट चढ़ कर हम जंगली जानवरों से बातें करते पंछियों से…