होता वही भगवान को जो मंजूर

होता वही भगवान को जो मंजूर

होता वही भगवान को जो मंजूर होता वही है, हे भगवान! जो मंजूर आपको होता है। किसी के कुछ भी चाहने से, किसी के ना कुछ चाहने से, क्या होता है? होता वही है, हे भगवान ! जो मंजूर आपको होता है। हे सर्वेश्वर ! हे सर्वशक्तिमान! हे सर्व समर्थवान ! हे पालनहार !सब जग…

Ram Hey Ram

उमर लडकइयाॅ

उमर लडकइयाॅ उमर लडकइयाॅ मे नशा है तमाम, का जानी कारण का है मेरे राम, चिंता मे चैन नहीं दिन रातन के, आबा लगाई पता इन बातन के, फेर कसी उनके नशा मा लगाम, का जानी कारण का है मेरे राम, उमर लडकइयाॅ मे नशा है तमाम, का जानी कारण का है मेरे राम, सबहि…

बोलचाल भी बंद | Kavita Bolachaal hi Band

बोलचाल भी बंद | Kavita Bolachaal hi Band

बोलचाल भी बंद ( Bolachaal hi Band ) करें मरम्मत कब तलक, आखिर यूं हर बार। निकल रही है रोज ही, घर में नई दरार।। आई कहां से सोचिए, ये उल्टी तहजीब। भाई से भाई भिड़े, जो थे कभी करीब।। रिश्ते सारे मर गए, जिंदा हैं बस लोग। फैला हर परिवार में, सौरभ कैसा रोग।।…

घुमड़ घुमड़ घन अंगना आए

घुमड़ घुमड़ घन अंगना आए

घुमड़ घुमड़ घन अंगना आए घुमड़ घुमड़ घन अंगना आए। रिमझिम रिमझिम बुंदे लाए। ताल तलैया सब भर गए सारे। कारे बदरा घने गगन में छाए। धरा हर्षित हो झूमी भारी। धानी चुनरिया ओढ़े सारी। वृक्ष लताएं पुष्प सब महके। बारिश में भीग रहे नर नारी। कड़ कड़ दमक उठी दामिनी। मस्त बहारें हुई पुरवाई…

बादल प्यारे

बादल प्यारे | Kavita Badal Pyare

बादल प्यारे ( Badal Pyare )   जल मग्न होती यह धरती घिर आए जब जून में बादल काले काले बदरा प्यारे प्यारे उमड़ घुमड़ जब छाए बादल।। अंबर से जब बरसे मेघ अमृत खुशहाली छाए झूम के आए बरखा की बहार संग ये सावन पुकारे धरती तुमको प्रिय बादल।। त्राहि त्राहि जब होता जग…

बरसो बादल

बरसो बादल | Kavita Barso Badal

बरसो बादल ( Barso Badal )   प्रतीक्षा पल पल करती अंखियां अब तो सुन लो मानसून बात हमारी, इंतजार कर अब ये नयन थक गए कब बरसोगे रे बादल तुम प्यारे।। इस धरती के तुम बिन मेघा प्यारी सारे पौधे,वन उपवन गए मुरझाये, तुम बिन नही कोयल कूके अब लता पताका पुष्प गए कुम्हलाये।।…

Self respect

मैं स्वाभिमान हूं | Kavita Main Swabhimaan Hoon

मैं स्वाभिमान हूं ( Main Swabhimaan Hoon ) मैं हर जगह दिखता नहीं हूं क्योंकि मैं बाजारों में बिकता नहीं हूं मैं कभी अभिमानी के साथ में टिकता नहीं हूं मैं स्वाभिमान हूं मैं हर व्यक्ति में होता नहीं हूं मुझे ढूंढना इतना आसान नहीं है, क्योंकि मैं इतनी आसानी से मिलता नहीं हूं मैं…

ख़्याल | Kavita Khayal

ख़्याल | Kavita Khayal

ख़्याल ( Khayal ) ढली है शाम ही अभी , रात अभी बाकी है हुयी है मुलाकात ही, बात अभी बाकी है शजर के कोटरों से, झांक रहे हैं चूजे पंख ही उगे हैं अभी, उड़ान अभी बाकी है अभी ही तो, उभरी है मुस्कान अधरों पर मिली हैं आँखें ही अभी, दिल अभी बाकी…

Hindi Poetry of Gurudeen Verma | गुरुदीन वर्मा की कविताएं

Hindi Poetry of Gurudeen Verma | गुरुदीन वर्मा की कविताएं

मेघों की तुम मेघा रानी शेर)- जैसे जल को तरसे मछली, वैसे मेघ को तरसे धरती। मेघ बिना नहीं मिलता पानी, मेघ बिना यह बंजर धरती।। ——————————————————- मेघों की तुम मेघा रानी, मेघ तुम बरसाओ। करके वर्षा मेघों की, धरती की प्यास मिटाओ।। मेघों की तुम मेघा रानी———————–।। किसको जरूरत नहीं जल की, यह जल…

अनपढ़ प्रेम

अनपढ़ प्रेम | Kavita Anpadh Prem

अनपढ़ प्रेम ( Anpadh Prem )   प्रेम अनपढ़ होता है, न सुकुन से रहता न रहने देता है। रहता हमेशा मन के विपरीत, सिखाता तरीका प्रीति की रीत। विरोधाभास में जीवन व्यतीत होता, न हस्ताक्षर करता न सुलह ही कराता । धधकती चिंगारी जिसका नाम दिल, धड़कन की तेज रफ्तार करता उद्विग्न । चन्दन…