दीपक वोहरा की कविताएं | Deepak Vohra Poetry
कुछ देर ही की तो बात है कुछ देर ही की तो बात हैसाथ चल सको तो चलोन जाने फिर कब कहां मिलना होगर साथ चल सको तो चलोतुम्हारी मंजिल इधर हैमेरी मंजिल भी बस थोड़ी उधर हैगर साथ चल सको तो चलोकुछ देर ही की तो बात हैकुछ पल मेरे साथ जी सको तो…