Kahani Asamanjas

असमंजस | Kahani Asamanjas

सुधांशु बहुत उधेड़बुन में है। उसे समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें? क्या ना करें ? सोचते हुए आज धीरे-धीरे एक मां हो गए। जब वह मां की 13वीं से लौट रहा था तो उसके पिताजी बहुत मायूस लग रहें थे। वह दूर जाते हुए अपने बेटे बहु को अपलक देखते रहे।…

Kahani Kaise Kaise Yogi

कैसे-कैसे योगी | Kahani Kaise Kaise Yogi

चारों तरफ भीड़ ही भीड़ थी। सबके मुंह से एक ही बात निकल रही थी कि चमत्कार हो गया ।ऐसा चमत्कार तो मैंने देखा ही नहीं था। अरे देखो! बाबा ने कैसे पेशाब से दिए जला दिए। बहुत बड़ा पहुंचा हुआ संत है। इतना बड़ा संत तो हमने कभी नहीं देखा ही नहीं है। कितना…

Kahani Sabjiwala aur Neta

सब्ज़ीवाला और नेता | Kahani Sabjiwala aur Neta

हमारी कालोनी की दो औरतें मिसेज़ शर्मा और मिसेज़ वर्मा गली में खड़ी होकर बातें कर रही थीं । “…और मिसेज़ शर्मा जी अबकी बार चुनावों में किसे वोट दे रही है ?”- मिसेज़ वर्मा ने पूछा । “हम तो अबकी बार भी लल्लु लाल जी को ही वोट देंगे ।”- मिसेज़ शर्मा ने उत्तर…

Kahani Ye Kya Kiya

उफ़! ये क्या किया | Kahani Ye Kya Kiya

चारों तरफ पुलिस ही पुलिस दिखाई दे रही थी। शाम तक तो सब ठीक था आखिर सुबह यह क्या हो गया? कॉलोनी में आखिर कौन आया? कोई बाहरी व्यक्ति तो अभी तक तो नहीं आया? पुलिस भी कॉलोनी के गार्ड से पूछताछ कर रही थी । उसे भी कोई सुराग नहीं मिल रहा था कि…

जिंदगी की लघु कहानी

जिंदगी की लघु कहानी

जीवन में जिंदगी जीना उतना आसान भी नहीं है हर एक मोड़ पर नाना तरह की चुनौतियां, सुरसा की तरह मुंह खोल खड़ी रहती है। जीवन को चलते-चलते राहों में हर किसी से सामना करनी पड़ती है। कभी आंधी, तूफान, सुनामी जैसा लहरों से भी सामना जिंदगी को ,हर पल एक नया जंग, नया संघर्ष…

भविष्यफल का मायाजाल | Kahani Bhavishyafal ka Mayajaal

भविष्यफल का मायाजाल | Kahani Bhavishyafal ka Mayajaal

दिनेश अक्सर समाज में व्याप्त कुरीतियों को देखकर उसका मन व्यथित रहता था। वह अक्सर इस प्रकार के समाज में फैले पाखंड को सुनता था तो उसकी तह तक जाने का प्रयास करता था। एक बार उसने सुना कि कोई भविष्य वक्ता है। जो लोगों का भविष्य बताता है। फिर क्या था वह भविष्य वक्ता…

Kahani Karmo ka Khel

कर्मों का खेल | Kahani Karmo ka Khel

उम्र लगभग 80 पार हो चुकी थी। कमर झुकी हुई थी फिर भी बैठे-बैठे वह बर्तन धुल रहे थी। उसके इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि वह बर्तन उठाकर रख सके बस वो धूल दे रही थी। धुलने के बाद वह बूढ़ी अम्मा अपनी नाती को बुलाकर कहती है -“बर्तन थोड़ा घर में रख दो।…

Kavita Maa ki Yaadein

क्योंकि वो मां थी | Kahani Kyonki wo Maa Thi

घर में सन्नाटा छाया हुआ था। सभी एक दूसरे का मुंह देख रहे थे। कोई किसी से कुछ बोल नहीं रहा था । अब क्या होगा? ऐसा क्यों किया ? जैसे विचार सबके मन में आ जा रहे थे। बात दरअसल यह थी कि मनीष ने कर्ज ले लिया था । कर्ज लेते समय घर…

हाय रे बेरोजगारी | Kahani Berojgari

हाय रे बेरोजगारी | Kahani Berojgari

एक पुस्तक की दुकान पर बहुत से बच्चे जाब का फॉर्म देख रहे थे। उसी में एक फॉर्म डोम की भर्ती का भी निकला हुआ था। बच्चों ने सोचा यह डोम क्या होता है ? एक ने कहा-” तुम डोम नहीं जानते-समझते। अरे भाई जो मुर्दों को जलाते हैं । जिसमें हर समय मुर्दों के…

Kahani Bahut Kadai ba

बहुतई कड़ाई बा | Kahani Bahut Kadai ba

“आपको पता है योगी जी के राज चल रहा है। योगी जी के राज में बहुतई कड़ाई है। हमही अकेले नहीं खाइत है। बाबू लोगन के बिना खिलाएं काम नहीं करते। इसलिए बिटिया के जो पैसा मिली उसमें से आधा देना होगा।”- यह बात रमेश को एक बिचौलिया समझा रहा था। बात दरअसल यह है…