असमंजस | Kahani Asamanjas
सुधांशु बहुत उधेड़बुन में है। उसे समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें? क्या ना करें ? सोचते हुए आज धीरे-धीरे एक मां हो गए। जब वह मां की 13वीं से लौट रहा था तो उसके पिताजी बहुत मायूस लग रहें थे। वह दूर जाते हुए अपने बेटे बहु को अपलक देखते रहे।…