पढ़ाया गया मुझे

पढ़ाया गया मुझे

पढ़ाया गया मुझे पहले तो सच का पाठ पढ़ाया गया मुझेफिर झूठ का वकील बनाया गया मुझेहुस्ने मतला–कल बदनुमा सा दाग़ बताया गया मुझेजब वक़्त आ पड़ा तो बुलाया गया मुझे मज़हब के नाम मरना भी कार-ए-सबाब हैसूली पे इतना कह के चढ़ाया गया मुझे मुद्दत से इक उजाले की जिनको तलाश थीसूरज बता के…

तेरा इक दिवाना हूँ

तेरा इक दिवाना हूँ

तेरा इक दिवाना हूँ तेरा इक दिवाना हूँ क़ाफ़िर नहीं हूँअसल में जो मैं हूँ वो जाहिर नहीं हूँ जुबाँ हूँ अदा-ए-फिजा हूँ फ़ना हूँयक़ीनन मैं जो हूँ क्यों आखिर नहीं हूँ जहाँ तक तिरा साथ मुझको चलूँगायुँ कुछ वक्त का मैं मुसाफ़िर नहीं हूँ लिखूँगा मैं लिखता नया ही रहूँगाथकूँ राह में ऐसा शाइर…

अदाएं तुम्हारी

अदाएं तुम्हारी | Adayein Tumhari

अदाएं तुम्हारी ( Adayein Tumhari ) लुभाती हैं दिल को अदाएं तुम्हारी।रुलाती हैं लेकिन दग़ाएं तुम्हारी। गुमां पारसाई का होता है इनमें।निराली हैं दिलबर ख़ताएं तुम्हारी। किए इस क़दर हमपे अह़सान तुमने।भुलाएंगे कैसे वफ़ाएं तुम्हारी। बजाए शिफ़ा के बढ़ाती हैं ईज़ा।पिएं किस तरह़ हम दवाएं तुम्हारी। मुह़ब्बत से कानों में कहते थे जो तुम।वो बातें…

प्यार करने की ज़माने से इजाज़त ली है

प्यार करने की ज़माने से इजाज़त ली है

प्यार करने की ज़माने से इजाज़त ली है प्यार करने की ज़माने से इजाज़त ली हैहमने ख़ुद मोल बिना बात ही आफ़त ली है है मुनासिब कहाँ हर रोज़ बहाना आँसूहमने कुछ दिन के लिए ग़म से रिआयत ली है मुफ़लिसों का नहीं कोई भी सगा दुनिया मेंसारी दुनिया ने ग़रीबों से अदावत ली है…

अश्क़ भी वो गिराने लगते हैं

अश्क़ भी वो गिराने लगते हैं

अश्क़ भी वो गिराने लगते हैं अश्क़ भी वो गिराने लगते हैंदूर जब भी हम जाने लगते हैं बातों में मुस्कराने लगते हैंहम उन्हीं के दीवाने लगते हैं जब कभी मिलते हैं सनम मुझसेतो अदा से रिझाने लगते हैं बात जिस दिन भी हो जाये उनसेदिन वही बस सुहाने लगते हैं याद आती है जब…

एक सखी नेक सखी चाहिये

एक सखी नेक सखी चाहिये

एक सखी नेक सखी चाहिये एक सखी नेक सखी चाहियेव्यस्त व मदमस्त सखी चाहिये पेश सदा प्रेम से आये तथाकर्म से आदर्श सखी चाहिये सर्व गुणों से न हो संपन्न परमन से जो हो श्रेष्ठ सखी चाहिये फल से पेड़ सी समृद्ध औ’नम्र व प्रेमाळ सखी चाहिये धीर व गंभीर चरित्रवान औ’शांत व गुणवान सखी…

क्यों रहे कोई

क्यों रहे कोई भी ईज़ा मोजूद

क्यों रहे कोई भी ईज़ा मोजूद क्यों रहे कोई भी ईज़ा मोजूद।जब मसीह़ा है हमारा मोजूद। वो ही रहता है हमेशा दिल में।अ़क्स आंखों में है उसका मोजूद। दिन भी दिन सा न लगेगा यारो।दिल में जब तक है अंधेरा मोजूद। इश्क़ ज़िन्दा है जहां में जब तक।हुस्न तब तक है जहां का मोजूद। जिससे…

इरादा डिगा नहीं सकता

इरादा डिगा नहीं सकता

इरादा डिगा नहीं सकता हवा का ज़ोर इरादा डिगा नहीं सकताचराग़े-ज़ीस्त हूँ कोई बुझा नहीं सकताहुस्ने-मतला– किसी के सामने सर को झुका नहीं सकतावजूद अपना यक़ीनन मिटा नहीं सकता फ़कत तुम्हारी ही मूरत समाई है दिल मेंइसे मैं चीर के सीना दिखा नहीं सकता किसी के प्यार से जान-ओ-जिगर महकते हैंयक़ीन उसको ही लेकिन दिला…

रक्खा गया

रक्खा गया | Rakkha Gaya

रक्खा गया ( Rakkha Gaya ) इश्क़ का इक सिलसिला रक्खा गयाज़ख़्म दे उसको हरा रक्खा गया साज़िशों से वास्ता रक्खा गयाअपना केवल फ़ायदा रक्खा गया कौन पहचानेगा तुमको फिर यहाँजब न तुमसे राब्ता रक्खा गया फिर किसी घर में न हों दुश्वारियाँदूर घर से मयकदा रक्खा गया वो बहुत मग़रूर हम मजबूर थेदर्मियाँ इक…

जाने क्यों बेख़बर नहीं आती

जाने क्यों बेख़बर नहीं आती

जाने क्यों बेख़बर नहीं आती जाने क्यों बेख़बर नहीं आतीढ़ाने मुझपर कहर नहीं आती ताकते क्यों हो तुम गली उसकीआजकल वो नजर नहीं आती मैं हूँ मजबूर आज जीने कोयाद वह इस कदर नहीं आती देखकर हार बैठा दिल जिसकोवो भी लेने ख़बर नहीं आती तू उसे खोजता है क्यों दर दरवो कभी इस डगर…