ज़िंदा तो हैं मगर

ज़िंदा तो हैं मगर

ज़िंदा तो हैं मगर ख़ुद की नज़र लगी है अपनी ही ज़िन्दगी कोज़िंदा तो हैं मगर हम तरसा किये ख़ुशी को महफूज़ ज़िन्दगानी घर में भी अब नहीं हैपायेगा भूल कैसे इंसान इस सदी को कैसी वबा जहाँ में आयी है दोस्तों अबहालात-ए-हाजरा में भूले हैं हम सभी को हमदर्द है न कोई ये कैसी…

हमसे अब नाराज़गी अच्छी नहीं

हमसे अब नाराज़गी अच्छी नहीं

हमसे अब नाराज़गी अच्छी नहीं आँखों में इतनी नमी अच्छी नहींहमसे अब नाराज़गी अच्छी नहीं बज़्म में बैठे वो नज़रें फेर करइश्क़ में  ये बेरुख़ी अच्छी नहीं हौसला ता-ज़िंदगी रखना बुलंदइस क़दर आज़ुर्दगी अच्छी नहीं वो सराबों में ग़ज़ालों की तरहइश्क़ की  सर गश्तगी अच्छी नहीं पास रखिए अपनी उल्फ़त का ज़राप्यार में आवारगी अच्छी…

मेरे ख़ुलूस को

मेरे ख़ुलूस को | Mere Khuloos ko

मेरे ख़ुलूस को मेरे ख़ुलूस को चाहो अगर हवा देनामेरे ख़िलाफ़ कोई वाक्या सुना देना कभी तो आके मेरी ख़्वाहिशें जगा देनावफ़ा शियार हूँ तुम भी मुझे वफ़ा देना तमाम उम्र ये मंज़र रहेगा आँखों मेंनज़र मिलाते ही तेरा ये मुस्कुरा देना जिधर भी देखिए रुसवाइयों के पहरे हैंमेरे ख़ुतूत मेरे साथ ही जला देना…

देखना है | Dekhna Hai

देखना है | Dekhna Hai

देखना है ज़ब्त अपना आजमाकर देखना है,उसे सितमगर को भुला कर देखना है। ज़र्फ़ की उसके मिसालें लोग देते,बस जरा गुस्सा दिला कर देखना है। चंद सिक्कों में सुना बिकती मोहब्बतपर कहाॅं बाजार जाकर देखना है। वह ख़ुदा रहता हमारे ही दिलों मेंबुग़्ज़ की ऐनक हटाकर देखना है। इश्क़-ए-दुश्वारी में लज्ज़त है अगर तो,फिर हमें…

वक्त की आज हार हो जाए

वक्त की आज हार हो जाए

वक्त की आज हार हो जाए वक्त की आज हार हो जाए ।कश्ती तूफां में पार हो जाए ।।१ आज दीदारे- यार हो जाए ।ख़त्म यह इंतज़ार हो जाए ।।२ यह जो दुनिया हमें दगा देती ।कुछ तो इसमें सुधार हो जाए ।।३ ज़ीस्त भर दोनों साथ साथ चलेंगर उन्हें ऐतबार हो जाए ।।४ इक…

इस तरह याद आया न कर

इस तरह याद आया न कर

इस तरह याद आया न कर तू मुझे इस तरह याद आया न करमेरी ही धुन में तू वक़्त ज़ाया न कर तेरी महफ़िल में चल के अगर आ गयातो नज़र मुझसे दिलबर चुराया न कर गुल में भी तू नज़र आए जान-ए- ग़ज़लहर किसी के दिलों को यूँ भाया न कर काफ़िया हूँ मैं…

काशाना मंज़ूर हुआ

काशाना मंज़ूर हुआ

काशाना मंज़ूर हुआ तेरे दिल का अब हमको हर काशाना मंज़ूर हुआतेरी ज़ुल्फ़ों के साये में मर जाना मंज़ूर हुआ उठने लगीं हैं काली घटायें छलके हैं जाम-ओ-साग़रऐसे आलम में तुझको भी बलखाना मंज़ूर हुआ महकी महकी गुलमेंहदी है चाँद सितारे भी रौशनऐसे मौसम में उनको भी तरसाना मंज़ूर हुआ लहराते हैं ज़ुल्फें हमदम हर…

इसका क्या करना

इसका क्या करना | Iska Kya Karna

इसका क्या करना कौन कैसा है इसका क्या करनातुम समझदार हो वफा करना जिसने उँगली दी उसके हाथ गएकितना मुश्किल हुआ भला करना क्या भरोसा है कल ही मर जाँएज़िंदगी तुझसे क्या गिला करना रोज़ ख्वाबों से बच न जाया करमेरी नींदों पे कुछ दया करना सब परेशां है आस पास मगरवो भी हँस देंगे…

अपनी कहानी लिखना

अपनी कहानी लिखना | Apni Kahani Likhna

अपनी कहानी लिखना दिल के औराक़ पे जब अपनी कहानी लिखनादूध को दूध मगर पानी को पानी लिखना पढ़ तो लेता हूँ मैं तहरीर तेरे चेहरे कीदास्ताँ फिर भी कभी दिल की ज़ुबानी लिखना तेरे हाथों में है अब मेरे मुक़द्दर का वरक़मेरी रातों में उजालों की रवानी लिखना कैसे जलते हैं मेरे होंठ तेरी…

हमने देखा है

हमने देखा है | Humne Dekha Hai

हमने देखा है मुस्कुराते गुलाब की मानिंद।हर ख़ुशी है शराब की मानिंद। हमने देखा है ग़ौर से इसको।ज़िन्दगी है ह़बाब की मानिंद। धुन है गर आसमान छूने की।बनिए ज़िद्दी उ़क़ाब की मानिंद। कैसे ढालूं मैं हाय रे ख़ुद को।चश्मे-जानां के ख़्वाब की मानिंद। कोई सानी ही जब नहीं उनका।किसको लिक्खूं जनाब की मानिंद। मिल न…