दिल में हमारे आज भी

दिल में हमारे आज भी

दिल में हमारे आज भी ( ‘वाचाल’ ग़ज़लमतलआ छोड़कर सारे अश्आर तिटंगे ) दिल में हमारे आज भी अरमान पल रहा हैयूँ मानिए कि दिल को ये दिल ही छल रहा है रंगे-निशात झेला बारे-अलम उठा करना जाने किस बिना पर ये साँस चल रहा हैजुड़ता है टूट-टूट कर फ़िर-फ़िर संभल रहा है वो पूछते…

होली में

होली में

होली में किया जख़्मी उसी ने है मुझे हर बार होली मेंगुलो के रंग से मुझपर किया जो वार होली में नही रूठों कभी हमसे भुला भी दो गिले सारेतुम्हारे ही लिए लाएँ हैं हम यह हार होली में रही अब आरजू इतनी कि तुमसे ही गले लगकरबयां मैं दर्द सब कर दूँ सुनों इस…

प्रकृति का अद्भुत श्रृंगार

प्रकृति का अद्भुत श्रृंगार

प्रकृति का अद्भुत श्रृंगार ( 2222 2222 222 )निर्मल गंगा सी धारा तुम बहती होशबनम के मोती जैसी तुम लगती हो चंद्रप्रभा रातों की सुंदरता में तुमआँचल बन कर फैली नभ में दिखती हो यूँ लगता है जैसे ऊँचे परबत सेकल-कल करती झरने जैसी बहती हो फूलों की कोमल पंखुड़ियों के जैसेभँवरे की प्रीती की…

चालाकियां चलता रहा

चालाकियां चलता रहा

चालाकियां चलता रहा ( ग़ज़ल : दो काफ़ियों में ) मुफ़लिसी से मेरी यूँ चालाकियाँ चलता रहाज़हनो-दिल में वो मेरे ख़ुद्दारियाँ भरता रहा मैं करम के वास्ते करता था जिससे मिन्नतेंवो मेरी तक़दीर में दुश्वारियाँ लिखता रहा मोतियों के शहर में था तो मेरा भी कारवाँफिर भला क्यों रेत से मैं सीपियाँ चुनता रहा कहने…

चले आइए

चले आइए | Chale Aaiye

चले आइए आपको दिल पुकारे चले आइएराह पलके बुहारे चले आइए क्या हँसी हैं नजारे चले आइएचल पड़े नैन धारे चले आइए यार छत पर कभी आप आये नज़रतो करें हम इशारे चले आइए पास बैठो कभी तो घड़ी दो घड़ीआपको हम निहारे चले आइए होश बाकी रहा आपको देखकरजुल्फ़ फिर हम सँवारे चले आइए…

उसका जलवा कमाल है अब भी

उसका जलवा कमाल है अब भी

उसका जलवा कमाल है अब भी उसका जलवा कमाल है अब भीवो नही तो मलाल है अब भी देख उसको यही सदा कहते ।जान तुझ पर निहाल है अब भी वो जो उसने कभी नही पूछालब पे वो ही सवाल है अब भी सुर्खी जितनी लगा रही लब परसुर्ख उतने तो गाल है अब भी…

सबको प्रेषित शुभकामना

सबको प्रेषित शुभकामना

सबको प्रेषित शुभकामना न‌ए वर्ष पर सबको प्रेषित शुभकामना न‌ईमृदुल हृदय की अर्पित मंजुल संवेदना न‌ई सजे आपके अधरों पर नूतन मुस्कान सदाभरे चित्त में चंदन सी निर्मल भावना नई सुलग रही हर साँस यहाँ,मन में अवसाद भराहँसे सृष्टि, चँद्रिका खिले, हो‌ नित सर्जना नई करें आज से चिर प्रशांत मंगल की अभिलाषामधुर भाव अंतर…

काहे के नववर्ष ? ( भोजपुरी भाषा में )

मिलता कैसे सहारा नये साल में

मिलता कैसे सहारा नये साल में मिलता कैसे सहारा नये साल मेंकर रहे सब किनारा नये साल में चमके किस्मत का तारा नये साल मेंकर दो कुछ तो इशारा नये साल में भर गया दिल हमारा उमंगों से अबदेखा ऐसा नजारा नये साल में कोई तरकीब ऐसी लगा लीजियेहो सुकूँ से गुज़ारा नये साल में…

हर घड़ी इस साल की

हर घड़ी इस साल की

हर घड़ी इस साल की हो मुबारकबाद सबको हर घड़ी इस साल कीसाल भर रौनक़ रहे घर घर में इस्तकबाल की कीजिएगा सब दुआएं उम्र भर फूले फलेंदिल को छू पाये नहीं कोई हवा जंजाल की गुज़रे ऐ मौसम बहाराँ तू चमन में इस तरहख़ूबसूरत ज़िन्दगी हो हर शजर हर डाल की दूध माखन और…

छोड़ो | Chhodo

छोड़ो | Chhodo

‘छोड़ो’ किसी बहाने जब देखो छज्जे पर आना-जाना छोड़ोआता देख मुझे खिड़की में आकर बाल बनाना छोड़ो क्या नाता है तुमसे मेरा क्यों अपनापन जता रहे होहँस हँस के यूँ बार-बार नैनों से तीर चलाना छोड़ो मैं नसीब का मारा मुझको पाकर होगा हासिल क्याअपने दिल के बालू पर बरसाती फसल उगाना छोड़ो आहें भरना…