देख बेबसी | Dekh Bebasi
देख बेबसी ( Dekh bebasi ) लगता है कुछ होने को , मान गए इस टोने को . मन करता है कभी -कभी , पाप पुराने धोने को . याद बची एक तुम्हारी , और नहीं कुछ खोने को . अभी -अभी रोकर सोया , बच्चा एक खिलौने को . बीत गई सो बात…
देख बेबसी ( Dekh bebasi ) लगता है कुछ होने को , मान गए इस टोने को . मन करता है कभी -कभी , पाप पुराने धोने को . याद बची एक तुम्हारी , और नहीं कुछ खोने को . अभी -अभी रोकर सोया , बच्चा एक खिलौने को . बीत गई सो बात…
ये सावन के अंधे हैं ( Ye sawan ke andhe hai ) सूझ रही है बस हरियाली , ये सावन के अंधे हैं . कोलाहल की आड़ लिए नित , मिला चीखता सन्नाटा . कंगाली ने तरस दिखा कर , दिया जिन्हें गीला आटा . आग बुझा कर गई हताशा , सपने कुछ अधरंधे…
चतरू चाचा आए ( Chatru chacha aaye ) शहर बसे बेटे के घर जब , चतरू चाचा आए . सहम गए थे पूत -पतोहू , बच्चे भी चकराए . लगे बहू को निशिदिन ही अब , होगी टोकाटाकी . नहीं रुचेंगी इन्हें गैस की , रोटी काची पाकी . चूल्हा खोदे खाट बिछी ये ,…
जाग रे! तू जाग!! ( Jaag re tu jaag ) फन उठाये आ रहे हैं, वंचना के नाग। देखना अब त्याग सपना। कर प्रकाशित दीप अपना। ये गरल के सचल वाहक, दूर इनसे भाग। है अमंगल निकट आना। दूध मत इनको पिलाना। छोड़ते मुंह से सदा ये, बस विषैले झाग। केंचुलें रंगीन इनकी। कालिमा…
शासन और प्रशासन ( Shasan aur Prashasan ) उग्र भीड़ सचिवालय जानिब , चली सौंपने ज्ञापन . शोषित जन की आवाज बने , अब आक्रोशित नारे . माँगें लेकर खड़ी याचना , शासन को धिक्कारे . तीन पाँव धरती की खातिर , निकला जैसे वामन . फर्जी बनकर टेढ़े चलते , ये सारे ही…
टूट गई | नवगीत साँप मरा ना घुन खायी सी , लाठी टूट गई . जिनकी खातिर आँख फुड़ाई , कहें वही काना . उतना ही वह दुःख भोगता , जो जितना स्याना . चने उगें भी नहीं बतीसी , पहले टूट गई . सीना चीर दिखाया लेकिन , गई नहीं शंका . कंलक…