तितली रानी

तितली रानी | बाल कविता

तितली रानी ( Titli Rani ) तितली रानी ज़रा बताओ,कौन देश से आती हो।रस पी कर फूलों का सारा,भला कहाँ छिप जाती हो। इधर उधर उड़ती रहती तुम,मन को बड़ा लुभाती हो।अपने सुन्दर पंखों पर तुम,लगता है इठलाती हो। सब फूलों पर बैठ बैठ कर,अपनी कला दिखाती हो।पास मगर आने में सबके,तुम थोड़ा सकुचाती हो।…

आओ पेड़ लगाएं

आओ पेड़ लगाएं

आओ पेड़ लगाएं बच्चो आओ पेड़ लगाएं।अच्छे से फिर हम उन्हें बचाए,पेड़ो को हम देखे भाले।समय समय पर पानी डालें, पेड़ो को हम खूब सजाएं।पेड़ो पर भी चित्र बनाएं,पेड़ो पर भी बच्चे खेले।उन पेड़ो पर झूला झू‌ले, पेड़ो पर हम खेले कूदे।झूला डाल कर झूला झू‌ले। असदुल्लाह एजाजकक्षा 6विद्यालय उच्च प्राथमिक विद्यालय बनकसही यह भी…

Dr. Satywan  Saurabh

डॉ.सत्यवान सौरभ की सात बाल कवितायेँ

1. छोटे-छोटे पंछी छोटे-छोटे पंछी लेकिन,बातें बड़ी-बड़ी सिखलाते।उड़ते ऊँचे आसमान में,मंजिल की ये राह दिखाते।।ये छोटे-छोटे जीव मगर,इनसे ये नभ भी हारा है।आत्मबल से ओत-प्रोत ये,मिल उड़ना इनको प्यारा है।बड़े-बड़े जो ना कर पाए,पल भर में ये है कर जाते।छोटे-छोटे पंछी लेकिन,बातें बड़ी-बड़ी सिखलाते।लड़ते हैं ये तूफानों से,उड़ सूरज से भी बात करें।पंख रुकते हैं…

स्वतंत्रता का उपहार | Kavita Swatantrata ka Upahar

स्वतंत्रता का उपहार | Kavita Swatantrata ka Upahar

स्वतंत्रता का उपहार ( Swatantrata ka Upahar ) आए निडर हो कर वो, किया त्याग और बलिदान । गर्व करते हैं हम उन पर, जिन्होंने दी अंग्रेजों को हार । बापू की लाठी, आज़ाद का तेज़, भगत का नारा और लक्ष्मीबाई की तलवार। वो हैं हमारे वीर महान, जिन से मिला आजादी का उपहार। पुरनित…

पिकनिक 

पिकनिक | वनभोज

पिकनिक  ( Picnic ) जाता नहीं कोई रोज, मनाने को वनभोज, करते मुझे क्यों हो तंग, चलो पिकनिक हर रोज, बच्चों जरा पढ-लिख लो, खुल गई है स्कूल, फिर छुट्टी के दिन चलेंगे, करेंगे छुट्टी वसूल, बड़े-बूढ़े और बच्चे खुश, हो जाते हैं पिकनिक से, सारी चिंताएं वो भूल, वहीं हो जाते हैं मसगूल, जाते…

Kavita Chidiya Rani

चिड़िया रानी | Kavita Chidiya Rani

चिड़िया रानी ( Chidiya Rani )   चिड़िया रानी चिड़िया रानी क्यो करती इतना मनमानी! रोज सवेरे तुम हो आती आकर पुन:कहां हो जाती !! चाहूं साथ खेलना तेरे क्या खेलोगी साथ तुम मेरे ! आना-जाना अब तुम छोड़ो खेलो साथ में मिलकर मेरे !! देखो फिर ना फुर हो जाना नये नये नित गीत…

बाल कविता

मन को भाता है कम्प्यूटर | बाल कविता

मन को भाता है कम्प्यूटर (बाल कविता) कम्प्यूटर एक अनोखी चीज़, छोटे-बड़े सभी का अजीज़। घर, बिजनिस, स्कूल और दफ्तर, काम चले न बिना कंप्यूटर। काम सभी ये झटपट करता, बजे रेडियो, टीवी चलता। इसमें फोटो, पेंटिंग, खेल, कैलकुलेटर, वीडियो, मेल। गाता गाने, है हर भाषा, पूरी करता सबकी आशा। गिनती में ये सबसे तेज,…

रंगों की बातें | Rangon ki Baatein

रंगों की बातें | Rangon ki Baatein

रंगों की बातें ( Rangon ki baatein )    क्या सोचा है कभी तुमने कैसे करते हैं रंग बातें ? गुलाबी सुबह और नीला आकाश, हम कैसे हैं पाते ? क्यों होती है शाम सुनहरी क्यों होती है काली रातें, क्या कहता वो भूरा पेड़ अगर हरे पत्ते ना उसे सजाते? जीवन के यह अदभुत…

महत्त्व समय का | Mahatva Samay ka

महत्त्व समय का | Mahatva Samay ka

महत्त्व समय का ( Mahatva samay ka )    सुनो सुनो प्यारे बच्चे, मन से सच्चे, अक्ल के कच्चे। आओ “समय की कहानी” सुनाऊं, बात पते की तुम्हें बताऊं। प्रातः समय से जो उठता है, सबसे आगे वो रहता है। काम वक्त से कर लेता है। नहीं समय जो खोता है। आलस्य की चादर ओढ़…

बच्चों के चंदा मामा | Chandamama Bal Kavita

बच्चों के चंदा मामा | Chandamama Bal Kavita

बच्चों के चंदा मामा ( बालकाविता )   मम्मी कहती, बहुत दूर है चंदा मामा, नभ न तारें बिखराते। इतनी दूर भला कैसे, बच्चे के हाथ पहुंच पाते। गहरा रिश्ता उनका हमसे, तभी चांदनी पहुंचाते। बच्चों, ज्यादा दूर नहीं मैं तुमसे, चंदा मामा बतलाते। इसरो ने फिर हमें बताया, मिलने की हो चाह जहां, मिल…