Ghazal Khanabadosh

खानाबदोश | Ghazal Khanabadosh

खानाबदोश ( Khanabadosh )   रहने लगे है आप भी खानाबदोश से लगता है आँख लड़ गयी खानाबदोश से   फानी बदन की चाह में जीवन न तू गवाँ सुनते है बात संत सी खानाबदोश से   जो हमसफ़र के साथ कटे वो है जिंदगी इतनी सी बात सीख ली खानाबदोश से   इक नौकरी…

Poem Bagawat na Karo

बगावत ना करो | Poem Bagawat na Karo

बगावत ना करो  ( Bagawat na karo )    जब दे रही हो दिल तो किफायत ना करो, है प्यार की तमन्ना तो तिजारत ना करो। तन्हाइयों से आखिर खेलोगी कब तलक, इस मदभरी तू रात में बगावत ना करो। तुम पाओगी यहाँ पे खुशबुओं का डेरा, है दो दिलों का मेल ये सियासत ना…

Holi Shayari in Hindi

बहाने ढूँढता है रंग लेकर यार होली में | Holi Shayari in Hindi

बहाने ढूँढता है रंग लेकर यार होली में ( Bahane dhoondta hai rang leke yaar holi mein )    बहाने ढूँढता है रंग लेकर यार होली में लुटाये प्यार यूँ मुझ पर मेरा दिलदार होली में सभी को छोड़ कर डाले है मुझ पर रंग वो धानी करे है प्यार का इस ढंग से इजहार…

Hindi Mein bf Wali Shayari

लगी आग को वो बढ़ाने लगे हैं | Hindi Mein bf Wali Shayari

लगी आग को वो बढ़ाने लगे हैं! ( Lagi aag ko wo badhane lage hain )  दरीचे से मुझको बुलाने लगे हैं, लगी आग को वो बढ़ाने लगे हैं! जवानी की रुत है कैसी ये दिलकश, अंगड़ाइयों पे न कोई मेरा वश। मचा है ये शोर अंदर किसको पता है, खुशबू की चादर बिछाने लगे…

Intezar Shayari

उनके आने का इन्तिज़ार रहा | Intezar Shayari

उनके आने का इन्तिज़ार रहा ( Unke aane ka intezar raha )    उनके आने का इन्तिज़ार रहा, हर समय मोसम-ए-बहार रहा। दीदाये-दिल में वो रहे मेरे, उम्र भर जिनको हमसे प्यार रहा। मेरी नज़रों से दूर थे लेकिन, मैं तो उनका ही तलब-गार रहा। क्यूँ ,करे कोई दुश्मनी मुझसे, आप से सबसे हमको प्यार…

Reema Pandey Ghazal

न आना तुम कभी अब इस गली में | Reema Pandey Ghazal

न आना तुम कभी अब इस गली में ( Na aana tum kabhi ab is gali mein )    न आना तुम कभी अब इस गली में रखा है क्या बताओ दोस्ती में न आया चैन पल भर भी मुझे तो मिले गम ही हजारों जिंदगी में खुदा मेरे बचा भी लो कहाँ हो रही…

Shayari on Zindagi

साथ हरदम निभाती रही ज़िन्दगी | Shayari on Zindagi

साथ हरदम निभाती रही ज़िन्दगी ( Saath har dam nibhati rahi zindagi )    साथ हरदम निभाती रही ज़िन्दगी आस दिल में जगाती रही ज़िन्दगी जब हुआ दिल परेशान मेरा कभी प्यार मुझपे लुटाती रही ज़िन्दगी बन के मेरा सहारा खड़ी है सदा आँधियों से बचाती रही ज़िन्दगी लड़खड़ायें कदम जब भी मेरे कहीं राह…

Ghazal on Life in Hindi

तुम्हारे पांव की बेड़ी तुम्हें ही काटनी होगी | Ghazal on Life in Hindi

तुम्हारे पांव की बेड़ी तुम्हें ही काटनी होगी ( Tumhare paon ki bedi tumhen hi katni hogi )   बुजुर्गों के चरण-वंदन में जब तक सर नहीं आते। नये इतिहास रचने के सुखद अवसर नहीं आते मधुर व्यवहार ही कश्ती किनारे तक लगाती है समंदर से तो पत्थर तैरकर बाहर नहीं आते । मजारों पर…

वो मुझे मुज़रिम समझ कर यूंँ सज़ा देता रहा | Shambhu Lal Jalan Nirala Ghazal

वो मुझे मुज़रिम समझ कर यूंँ सज़ा देता रहा | Shambhu Lal Jalan Nirala Ghazal

वो मुझे मुज़रिम समझ कर यूंँ सज़ा देता रहा ( Wo mujhe mujrim samajh kar yoon saza deta raha )    वो मुझे मुज़रिम समझ कर यूंँ सज़ा देता रहा होठों तक ला ला के वो साग़र हटा देता रहा। बैठता है पास मेरे यूंँ तो वो हर रोज़ ही जब भी छूना चाहा तो…

Meri Ghazal

मेरी ग़ज़ल | Meri Ghazal

मेरी ग़ज़ल ( Meri Ghazal )    इक ग़ज़ल बा-कमाल सी हो तुम कोई आला ख़याल सी हो तुम रूह की जेब में रखा है जो उस महकते रुमाल सी हो तुम उलझे रहते हैं हम भी पहरों तक ख़ूबसूरत सवाल सी हो तुम तितलियाँ जिस पे देर तक बैठे सुर्ख़ फ़ूलों की डाल सी…