Dr. K. K. Srivastava poetry

मकानों में रख लिया | Dr. Kaushal Kishore Srivastava poetry

मकानों में रख लिया ( Makano me rakh liya )     था जिन दियो में तेल मकानों में रख लिया । खाली दियो को तुमने मचानों में रख दिया ।।     उत्तर  थे  मेरे पास तुमने छीन सब लिया । फिर मुझको सवालो के निशानों पे रख दिया ।।     छीनी किसानों…

Soch shayari

सोच चुप है | Soch shayari

सोच चुप है ( Soch chup hai )     सोच चुप है , मौन है क्यों ख़ामोश है   सोच पर लगान नहीं, कोई लगाम नहीं, तो   सोच को ज़बान दो कुछ अल्फ़ाज़ दो   सोच की परवाज़ को इक नया मुकाम दो   सोच है सोचेगी खुद में उलझेगी तुझको उलझायेगी  …

Fareb shayari

दिल कर गये ज़ख्मी उसके ही फ़रेब आज़म | Fareb shayari

दिल कर गये ज़ख्मी उसके ही फ़रेब आज़म ( Dil kar gaye zakhmi uske hi fareb Azam )     दिल कर गये ज़ख्मी उसके ही फ़रेब आज़म उल्फ़त  में  खा गये हम तो फ़रेब आज़म   पहले किया मुहब्बत के वादे रोज़ मुझसे हर वादे बन गये उल्फ़त के फ़रेब आज़म   मैंने दिया…

Gum ki shayari

किसी को जब जिंदगी में ख़ुशी नहीं मिलती | Gum ki shayari

किसी को जब जिंदगी में ख़ुशी नहीं मिलती ( Kisi ko jab zindagi mein khushi nahi milti )     किसी को जब जिंदगी में ख़ुशी नहीं मिलती लबों पे उसके कभी फ़िर हंसी नहीं मिलती   की गांव मैं लौट आया इसीलिए अपनें नगर में कोई सच्ची दोस्ती नहीं मिलती   निगाह उससे मिलाऊँ…

Prem wali shayari

ख़ुशबू है उसकी सांसों की | Prem wali shayari

ख़ुशबू है उसकी सांसों की ( Khushboo hai uski saanson ki )     ख़ुशबू है उसकी सांसों की जैसे  हो  ख़ुशबू  फ़ूलों की   ख्वाबों में आता नहीं वही रात भरी उसकी यादों की   तीर चले दिल पे उल्फ़त के ऐसी अदा उसकी आँखों की   साथ चला हूँ जिसके मैं तो  यादें …

Khwab ghazal

ख़्वाबों का तेरी सदा पहरा रहा | Khwab ghazal

ख़्वाबों का तेरी सदा पहरा रहा ( Khwabon ka teri sada pahara raha )   ख़्वाबों का तेरी सदा पहरा रहा सिलसिला नींदो में ही चलता रहा   दूर तुझसे हम चले जाये कहीं हम मिलेंगे तुझसे ये वादा रहा   तन्हा होने का लगे अहसास नहीं जिंदगी भर तू यूँ ही मिलता रहा  …

Chahiye poetry

चाहिये | Chahiye poetry

चाहिये ( Chahiye )   तेरे मेरे बीच की अब धुन्ध छटनी चाहिये । आग की दीवार दरिया में बदलनी चाहिये ।।   जमाना कठपुतलियों का बहुत पीछे रह गया । उनको सीधे उंगलियों से ही उलझना चाहिये ।।   मेरी मेहनत तुम्हारी दौलत का झगड़ा बात से । नहीं सुलझा , सड़क पर उसको…

Dr. Kaushal Kishore Srivastava Poetry

लगे | Dr. Kaushal Kishore Srivastava Poetry

लगे ( Lage )   जड़ जगाने में जिनको जमाना लगा । उन दरख्तों को पल में गिराने लगे ।।   उनकी इतनी हवस कि खुदा क्या करे ? सारे दुनिया के भी कम खजाने लगे ।।   दफन खुद में ही अब शख्श होने लगे । ताले  खुद  ही  जुवा  पे लगाने लगे ।।…

Heart touching ghazal

एक मुद्दा हम उठा के रह गये | Heart touching ghazal

एक मुद्दा हम उठा के रह गये ( Ek mudda hum utha ke rah gaye )     एक मुद्दा हम उठा के रह गये लोग सारे कसमसा के रह गये   वो बना भी तो नहीं है हम सफ़र प्यार दिल में ही बसा के रह गये   दोस्त मेरा वो नहीं फ़िर भी…

Shayari diwali ki

दीप जले देखो जगमग ख़ुशी के यहां | Shayari diwali ki

दीप जले देखो जगमग ख़ुशी के यहां ( Deep jale dekho jagmag khushi ke yahan )     गांव  में  हर  तरफ़  रोशनी के यहां दीप जले देखो जगमग ख़ुशी के यहां   आज दीपावली लेकर आयी ख़ुशी की मिठाई बनी है सभी के यहां    भूलकर लोग सिक्वे गिले मिल रहे  खिल उठें  प्यार…