Gum ki shayari
Gum ki shayari

किसी को जब जिंदगी में ख़ुशी नहीं मिलती

( Kisi ko jab zindagi mein khushi nahi milti )

 

 

किसी को जब जिंदगी में ख़ुशी नहीं मिलती

लबों पे उसके कभी फ़िर हंसी नहीं मिलती

 

की गांव मैं लौट आया इसीलिए अपनें

नगर में कोई सच्ची दोस्ती नहीं मिलती

 

निगाह उससे मिलाऊँ भला क्या उल्फ़त की

निगाह में उसकी ही आशिकी नहीं मिलती

 

मुहब्बत की नफ़रत में खो जाती है जो राहें

मुहब्बत की राहें वो फ़िर कभी नहीं मिलती

 

सकून दें  जिंदगी भर मेरे दिल को हर पल

ख़ुशी की वो राह में रोशनी नहीं मिलती

 

अदावत की बू कैसे ख़त्म हो दिलों से ही

खिली गुलिस्तां में वो अब कली नहीं मिलती

 

यहां अपनी जिंदगी कर रही है तन्हा ही

नगर में आज़म कोई रहबरी नहीं मिलती

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें : –

ख़ुशबू है उसकी सांसों की | Prem wali shayari

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here