Ghazal || मिटा जब तेरा नाम इस दिल के दर से
मिटा जब तेरा नाम इस दिल के दर से (Mita Jab Tera Naam Is Dil Ke Dar Se) मिटा जब तेरा नाम इस दिल के दर से। हटा बौझ- सा कुछ कोई जैसे सर से।। हुई हम को नफ़रत शकल से बहुत ही। गिरे जब से हो तुम हमारी नज़र से।। …
मिटा जब तेरा नाम इस दिल के दर से (Mita Jab Tera Naam Is Dil Ke Dar Se) मिटा जब तेरा नाम इस दिल के दर से। हटा बौझ- सा कुछ कोई जैसे सर से।। हुई हम को नफ़रत शकल से बहुत ही। गिरे जब से हो तुम हमारी नज़र से।। …
जुगनू आये नया उजाला लेकर ( Jugnoo Aaye Naya Ujala Lekar ) बुझते दीपक मे साथ जलने आई हूं अपनी सारी ही तमन्नाए साथ लाई हूँ खुदको खोकर मेरा मोल लगाया तुमने दिल के बाजार में बिकने के लिए आयी हूँ चोट पत्थर से नहीं फूल से खायी तुमने इक नादान मुहब्बत में लुट…
हुंकार का दिल ( Hunkaar Ka Dil ) मूंगफली के दाने सा, छोटा सा दिल है मेरा। उसपर भी ना सम्हाला तुझसे,ला दिल वापस मेरा। कोई कही तो होगा जिसको, मेरा दिल प्यार होगा, लाखों मे कही एक है होता, ऐसा दिल है मेरा। छोटा सा है चिप के जैसा,जिसकी मेमोरी…
न जाने कौन सी बीमारी है ( Na Jane Kaun Si Bimari Hai ) जिगर में दर्द अश्क जारी है। न जाने कौन सी बीमारी है।। शुकून लाऊं तो लाऊं कैसे, हर तरफ बहुत पहरेदारी है।। चार कंधों पर सज गया बिस्तर, क्या मेरे जाने की तैयारी है।। मुहब्बत खेल…
गए छोड कर वो हमें एक पल में ( Gae Chhod Kar Wo Hame Ek Pal Mein ) गए छोड कर वो हमें एक पल में।। लुटा दिल का गुलशन बहारे-चमन में।। बनाए सभी ख़ास जग में खुदा ने। है खो जाती पहचान सारी नकल में।। उसे छोड़ दो हाल पे तुम …
सांसों में ही आती रोज खुशबू रही ( Sanson Mein Hi Aati Roj Khushboo Rahi ) सांसों में ही आती रोज़ ख़ुशबू रही इसलिए याद दिल को आती तू रही चैन दिल को भला कैसे हो जीस्त में ए सनम तू नजर आती हर सू रही प्यार का ही असर तेरे ऐसा…
नहीं तिरछी नज़र जैसा कोई भी वार दुनिया में ( Nahi Tirchi Nazar Jaisa Koi Bhi War Duniya me ) कलेजा चीरने वाले बहुत हथियार दुनिया में। नहीं तिरछी नज़र जैसा कोई भी वार दुनिया में।। चलन सबका यहां उल्टा मिलेगा तुम अगर देखो। गुलों को पूजने वाले बिछाते ख़ार दुनिया में।। …
बहोत दुश्वार है दिल का दरिया हो जाना ( Bahot Dushwar Hai Dil Ka Dariya Ho Jana ) बहोत दुश्वार है दिल का दरिया हो जाना जैसे एक दम से बेहरका क़तरा हो जाना ये फितरत नहीं होती हर किसी में सुमार सबको मयस्सर और एक पे फ़िदा हो जाना दश्त-ए-बे-आब…
आंखों में अश्कों के समंदर रो रहे हैं ( Aankhon Mein Ashkon Ke Samandar Ro Rahe hain ) आँखों में अश्कों के समंदर रो रहे हैं! ग़म मुहब्बत के कई मेरे अंदर रो रहे हैं! मिट गया झगड़े में नामो निशान घर का, और दहलीज़ पे बैठे खंडहर रो रहे हैं! …
धीरे -धीरे जहन से उतरता गया ( Dhire Dhire Jehan Se Utarta Gaya ) धीरे -धीरे जहन से उतरता गया, जो कभी प्यार मेरा सहारा रहा। जिन्दगी ने मुझे आज सिखला दिया, मतलबी दौर का वो सिकारा रहा। मैने चाहा बहुत टूट कर प्यार की, पर उसे ना कभी …