जिंदगी से ऐसी वो ख़ुशी रूठी है
जिंदगी से ऐसी वो ख़ुशी रूठी है ( Jindagi Se Aisi Wo Khushi Roothi Hai ) जिंदगी से ऐसी वो ख़ुशी रूठी है ! जब से आज़म से वो दोस्ती रूठी है खो गयी वो राहें प्यार से ही भरी दोस्त जब से मेरी रहबरी रूठी है खेल चलता रहा नफरतों…
जिंदगी से ऐसी वो ख़ुशी रूठी है ( Jindagi Se Aisi Wo Khushi Roothi Hai ) जिंदगी से ऐसी वो ख़ुशी रूठी है ! जब से आज़म से वो दोस्ती रूठी है खो गयी वो राहें प्यार से ही भरी दोस्त जब से मेरी रहबरी रूठी है खेल चलता रहा नफरतों…
गया ये साल ( Gaya ye saal ) गयाये साल मुश्किल से हज़ारों ग़म हमें देकर। हमारी छीन के खुशियां ये आंखें नम हमें देकर।। न कोई मुल्क बच पाया कहर ढाया करोना ने। जमीं पर हर तरफ मातम पसारा यम हमें देकर।। भटकते फिर रहें देखो जहां के लोग सारे ही।…
दें गया ये साल दिल में रुसवाई ए यारों दें गया ये साल दिल में रुसवाई ए यारों जहनों दिल में ही बसी ग़म की परछाई ए यारों होगी चेहरे पे ख़ुशी लब पे हंसी सबके यहां जिंदगी से ही बुरे दिन की विदाई है यारों जिंदगी से ढ़ल जाऐगे ग़म सभी…
ए सनम जिंदगी प्यार का नाम है ए सनम जिंदगी प्यार का नाम है पति प्यार है पत्नी प्रीत ये जाम है कोई देखेगा हमको न आ प्यार करे आ सनम मिलने को हो गयी शाम है यूं खफ़ा मत हो मुझसे सनम ए मेरे आज नहीं कल मिलूंगा सनम काम है…
मुहब्बत की वो ही अब गुफ़्तगू नहीं करता मुहब्बत की वो ही अब गुफ़्तगू नहीं करता वो सूरत मेरे अब हाँ रु ब रु नहीं करता सितम किए प्यार में ही बहुत मुझपे हर पल उसी की दिल अब मेरा आरजू नहीं करता उदास रहता है दिल ख़ूब मेरा ये हर…
मुहब्बत से कभी देखा नहीं है मुहब्बत से कभी देखा नहीं है! जाने क्यूं वो होता अपना नहीं है पराया कर गया वो उम्रभर को मुहब्बत का रिश्ता रक्खा नहीं है बढ़ेगी प्यार की बातें कैसे फ़िर इशारा भी कोई उसका नहीं है मुहब्बत का उसे कैसे दूं में गुल…
हमें आप से दिल लगाना पड़ेगा ( Hame Aap Se Dil Lagana Padega ) हमें आप से दिल लगाना पड़ेगा। ज़माने से तुम को चुराना पड़ेगा।। बहे जैसे खूं मेरी नस-नस में हरदम। तेरा प्यार ऐसे बसाना पड़ेगा।। सदा मेरे दिल की रहो बन के धङकन। मेरी साँस बनके समाना पड़ेगा…
प्यार की वो हवा नहीं आती प्यार की वो हवा नहीं आती! कोई ऐसी वफ़ा नहीं आती भूल जाना अच्छा है उसको अब लौटकर कोई सदा नहीं आती दोस्ती में आती वफ़ा करनी मुझको करनी जफ़ा नहीं आती राह जिसकी मैं देखता हूँ वो जीस्त में आशना नहीं आती नफ़रतों…
आज मेरे ही किसी की बेकली दिल में उठी आज मेरे ही किसी की बेकली दिल में उठी! इस क़दर बैचेनी की ही बेबसी दिल में उठी भूलकर दिल से किसी की बेवफ़ाई को मगर आज करने को किसी से दोस्ती दिल में उठी सोचता हूँ मैं उसे अपना बना लूँ…
साल गया है बातें हमारी फिर से वो टाल गया है। बस इसी कशमकश में ये भी साल गया है।। जिसने भरे हैं पेट सबके बहाकर करके स्वेद, उसको ही लोग कह रहे कंगाल गया है।। बीमारियां भी एक हों तो गिनाऊं हुजूर,। शायद ही कोई यहां से कोई खुशहाल गया…