दिल-ए-नादान

दिल-ए-नादान

दिल-ए-नादान     दिले नादान तुझे कहीं का रहने न दिया। ये कौन जाग जाग कर हमें सोने न दिया।।   मुद्दतों बाद नज़र आयी थी बहार मुझे, बज्म में राज खुल जाने का डर रोने न दिया।।   लोग नहला धुला के कब्र तक पहुंचा आये, मेरे घर में मुझे कुछ देर भी रहने…

हाँ जीस्त ख़ुशी से ही रब आबाद नहीं करता

हाँ जीस्त ख़ुशी से ही रब आबाद नहीं करता

हाँ जीस्त ख़ुशी से ही रब आबाद नहीं करता     हाँ जीस्त ख़ुशी से ही रब आबाद नहीं करता हर रोज़ ख़ुदा से फ़िर फ़रयाद नहीं करता   हाँ शहर में होते कितने क़त्ल न जाने फ़िर इक मासूम को वो जो आजाद नहीं करता   मैं पेश नहीं आता फ़िर उससे अदावत से…

फूल चाहत

फूल चाहत

फूल चाहत     फूल मैंनें प्यार का भेजा उधर है ! नफ़रत का तेजाब आया वो इधर है   हो गया है गुम कहीं ऐसा कहां वो अब मुझे मिलती नहीं उसकी ख़बर है   इसलिए बेजार दिल रहता है मेरा जीस्त में मेरी ग़मों का ही असर है   ढूंढ़ता ही मैं रहा…

माने से दिल मानता नहीं है

माने से दिल मानता नहीं है!

माने से दिल मानता नहीं है!     माने से दिल मानता नहीं है! उसके बिन कुछ चाहता नहीं है   सदा इसे प्यार चाहिए दिल ख़ुशी ग़म ये जानता नहीं है   हाँ सिर्फ़ आता दिखाना गुस्सा कि प्यार वो बोलता नहीं है   कि नफ़रतों से मुझे वो देखें मुहब्बत से देखता नहीं…

उल्फ़त में चोट मिली ऐसी टूटे है

उल्फ़त में चोट मिली ऐसी टूटे है

उल्फ़त में चोट मिली ऐसी टूटे है     उल्फ़त में चोट मिली ऐसी टूटे है! यादों में उसकी अब ग़ज़लें सुनते है   इक भी आया न मुझे  दोस्त जवाब मुझे रोज़ उसे लिक्खे उल्फ़त के ख़त मैंनें है   इक भी अल्फ़ाज़ न उल्फ़त का था बोला बोले उसने तो शब्द सभी कड़वे…

रोज दिखाये वो नखरे है

रोज दिखाये वो नखरे है

रोज दिखाये वो नखरे है     रोज दिखाये  वो नखरे है! बातें मेरी  कब सुनते है   सूखे फूल मुहब्बत के अब ऐसे उल्फ़त में लूटे है   नफ़रत की दीवारे है अब रिश्ते प्यार भरे  टूटे है   पहले प्यार कहा था उसने अब बातें से वो बदले है   भूल गये शायद…

माना कि हज़ारों ग़म है

माना कि हज़ारों ग़म है

माना कि हज़ारों ग़म है     माना  कि  हज़ारों  ग़म है हौंसला क्यूं त्यागे । छाया जो  भी  अंधेरा  कम रौशनी के आगे।।   अश्कों को  यहां  पीकर है मुस्कुराना पङना। ये राज  वो ही  जाने जिगर चोट जब  लागे।।   सब कर्म  बराबर  कर  ले सह के ये ग़म सारे। ग़म ही  ये …

वो पूछते हैं उस खुदा से 

वो पूछते हैं उस खुदा से 

वो पूछते हैं उस खुदा से    वो पूछते हैं उस खुदा से खामियाँ क्यूं खूब है। हम भूलते है उसकी मेहरबानियाँ भी खूब है।।     हर एक खुशी मिलती नहीं जीवन में हर इक शख्स को। इतिहास भी इसका गवाही देता है कहानियाँ भी खूब है।।     है आग भङकाती है तो…

याद में उसकी रो रही आंखें

याद में उसकी रो रही आंखें

याद में उसकी रो रही आंखें   प्यार में उसने ऐसी भरी आंखें! याद में उसकी रो रही आंखें।     प्यार से देखती थी जो मुझको वो दिखाती अब बेरुख़ी आंखें।     प्यार में ही मिला दग़ा ऐसा हो गयी रोज़ अब नमी आंखें।     आज वो दें गया आंसू मुझको प्यार…

हर दिल पे छायी काई सी क्यूं है

हर दिल पे छायी काई सी क्यूं है

हर दिल पे छायी काई सी क्यूं है   हर दिल पे छायी काई सी क्यूं है। हर इक शय आज पराई सी क्यूं है।।   बेगाना अपनों में रह कर इंसा। हर दिल में यूं तन्हाई सी क्यूं है।।   खुशियां तो दिखती मुखङे पे बेशक। दुख में इतनी गहराई सी क्यूं है।।  …