![roj dikhaye wo nakhre hai रोज दिखाये वो नखरे है](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2020/10/roj-dikhaye-wo-nakhre-hai-696x435.jpg)
रोज दिखाये वो नखरे है
रोज दिखाये वो नखरे है!
बातें मेरी कब सुनते है
सूखे फूल मुहब्बत के अब
ऐसे उल्फ़त में लूटे है
नफ़रत की दीवारे है अब
रिश्ते प्यार भरे टूटे है
पहले प्यार कहा था उसने
अब बातें से वो बदले है
भूल गये शायद वो दिल से
कब वो ख़त मुझको लिखते है
मंजिल आसान नहीं प्यार की
राहों में देखो ख़तरे है
आज़म छोड़ो ये राहें तुम
जख़्म मुहब्बत में मिलते है
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )