जो पेड़ था नीम का | Poem on neem ka ped
जो पेड़ था नीम का ( Jo ped tha neem ka ) गांव में मेरे पेड़ था नीम का कट गया वो जो पेड़ था नीम का खेला करते थे जहां सब प्यार से वो नहीं है जो पेड़ था नीम का बन गये पक्के मकां देखो जिधर गिर गया वो जो …
जो पेड़ था नीम का ( Jo ped tha neem ka ) गांव में मेरे पेड़ था नीम का कट गया वो जो पेड़ था नीम का खेला करते थे जहां सब प्यार से वो नहीं है जो पेड़ था नीम का बन गये पक्के मकां देखो जिधर गिर गया वो जो …
मुहब्बत की बस ये कमाई रही ( Muhabbat ki bas ye kamai rahi ) मुहब्बत की बस ये कमाई रही मुकद्दर में अपने जुदाई रही बुरे लोगों से दूर हम तो रहे शरीफों से बस आशनाई रही बहन की ये राखी का देखो कमाल सदा मुस्कुराती कलाई रही ग़लत काम…
दोस्त बनकर के रहो मत ( Dost banker ke raho mat ) दोस्त बनकर के रहो मत दुश्मनी मुझसे करो मत प्यार की आंखें मिलाओ मुंह चढ़ाकर के चलो मत दिल से ही अपनें भुला दो हिज्र में उसके जलो मत पढ़ ली है आंखें तुम्हारी और कुछ भी यूं कहो…
प्यार भरा तेरा लहज़ा ( Pyar bhara tera lehja ) लगता है बस प्यार भरा तेरा लहज़ा था ऐसा इजहार भरा तेरा लहज़ा इजहार भरा हो होठों पे उल्फ़त का न कभी हो इंकार भरा तेरा लहज़ा दिल में यार उदासी छायी है मेरे तल्ख़े था वो यार भरा तेरा लहज़ा …
लिख रहा हूँ गीत तेरी याद में ( Likh raha hoon geet teri yaad mein ) लिख रहूं हूँ गीत तेरी याद में हो गया हूँ जख्मी तेरी याद में गांव जब से तू गया है छोड़कर रो रहा हूँ दोस्त तेरी याद में अब आयेगा लौटकर तू गांव में जी…
जिन्दगी ही मेरी मुझसे दूर है ( Zindagi hi meri mujhse dur hai ) जिन्दगी ही मेरी मुझसे दूर है कुछ तो बोलो मेरा क्या कुसूर है तुम बनाइ हो जो दूरियां मुझसे बात कुछ ना कुछ तो ज़रूर है मैं कैसे चलूं जिन्दगी का सफर तेरे बगैर दो कदम भी…
ख़्वाबों से है खाली नींद ( Khwabon se hai khali neend ) ख़्वाबों से है खाली नींद आँखों पर है भारी नींद शोर बहुत है सड़कों पर देखी हमने शहरी नींद वो जग में किस्मत वाला जिसको आये अच्छी नींद मुश्किल गुज़रेगा ये दिन जाग गया हूँ कच्ची नींद …
मानो मेरी बात देखो दिल सुधर जा ! ( Maano meri baat dekho dil sudhar ja ) मानों मेरी बात देखो दिल सुधर जा ! यूं किसी के प्यार में ही मत बिखर जा ग़ैर जैसे हो गया उसके लिए ही पास से ऐसे वहीं मेरे गुज़र जा सिर्फ़ तन्हाई नज़र आती…
अपनी दुनिया उजाड़ बैठा मैं ( Apni duniya ujad baitha main ) अपनी दुनिया उजाड़ बैठा मैं सबसे रिश्ते बिगाड़ बैठा मैं क़ब्र खोदी थी ग़ैर की ख़ातिर लाश अपनी ही गाड़ बैठा मैं बेखुदी के शदीद आलम में हाय ख़त उसका फाड़ बैठा मैं मुझसे नाराज़ हो गयी खुशियाँ आज…
यूं किसी के प्यार में ( Yoon kisi ke pyar mein ) तुमानों मेरी बात देखो दिल सुधर जा ! यूं किसी के प्यार में ही मत बिखर जा ग़ैर जैसे हो गया उसके लिए ही पास से ऐसे वहीं मेरे गुज़र जा सिर्फ़ तन्हाई नज़र आती मुझे तो ये जहां तक…