चन्द्र विजय अभियान

( Chandra Vijay Abhiyan ) 

 

आदिकाल से दिये जगत को,सभी ज्ञान- विज्ञान
इसीलिए ही तो भारत ने , पाया गुरुतर मान !!

संधारित है अब इस भू का,गगन विजयअभियान
चन्द्रलोक के दक्षिण थ्रुव पर, गूॅंज रहा यश-गान !!

इस संस्कृति की वैज्ञानिकता,स्वयं प्रमाण बनी है
चन्द्रलोक में उतर चुका है , अब इसरो का यान !!

सभी चंद्र संभावनाओं की , खोज कर रहा विक्रम
निर्देशित कर रहा है जिनको, इसरो का आव्हान !!

देख रही यह गौरव गाथा, हुई चमत्कृत दुनिया
उत्सुक मानवता अब करती,आगत का अनुमान !!

अर्थ और साधन सीमित थे, पर संकल्प असीमित
भारत ने विकसित देशों का, तोड़ा हर अभिमान !!

यह उपलब्धि देखकर वे सब, देश खड़े हैं हतप्रभ
अपने ही हाथों जो अपना , करते थे सम्मान !!

मिल कर चन्द्रयान से कहता, है सूरज से चन्दा
भारत अब तुमको भी छूने, का रखता अरमान !!

निकल चुकाआदित्य एल-वन,अगले क्रम में आगे
कर लेने “आकाश” में बढ़कर,सूरज का संधान !!

 

कवि : मनोहर चौबे “आकाश”

19 / A पावन भूमि ,
शक्ति नगर , जबलपुर .

482 001 ( मध्य प्रदेश )

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