Chhand adhikar
Chhand adhikar

अधिकार

( Adhikar )

जलहरण घनाक्षरी

 

अधिकार पहचानो,
कर्तव्य को खुद जानो‌।
परिवार में प्रेम का,
करो मधुर संचार।

 

प्रीत रंग झोली भरो,
मतभेद मत करो।
जीवन में उन्नति को,
स्वप्न करें साकार।

 

अपने अधिकारों की,
धीरज धर्म नारों की।
यश कीर्ति चहूंओर,
बहाइये रसधार।

 

मान सम्मान वैभव,
मिलते जो अधिकार।
प्रगति हौसलों की हो,
दुनिया में भरमार।

 

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कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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