दीपावली | Deepawali kavita
दीपावली
( Deepawali )
आ गई दीवाली, आ गई दीवाली ……||
1.नव रात्र गये गया दशहरा, लो आ गई दीवाली |
साल में सबसे हिन्दुस्तानी, त्यौहार बड़ा दीवाली |
करो सफाई सारे घर की, है थोड़े दिन में दीवाली |
रंग भर दो दीवारों में, रंगमय हो जाये दीवाली |
आ गई दीवाली, आ गई दीवाली …… ||
2.चौदह बरस भटकते डोले, राम लखन दोनों भैया |
भेष बदल कर रावण आया, हर ले गया सीता मैया |
सुग्रीव-हनुमान-वानर सेना संग, विजय हुए रावण संघारे |
स्वागत मे उनके सारी अयोध्या, में दीप जले द्वारे-द्वारे |
आ गई दीवाली, आ गई दीवाली……||
3.माँ लक्ष्मी की होती पूजा, घर घर में दीप जलाते हैं ।
श्री राम-लखन के स्वागत में, घर आंगन रंगोली सजाते हैं |
पकवान पटाखों से सजी दुकाने, आसमान चमके सारा |
बच्चे बूढे सब मिलनसार है, पल हैं ये कितना प्यारा |
आ गई दीवाली, आ गई दीवाली…..||
4.मत् ,मतभेद रखो इंसानों में, प्यार करो हर बंदे से |
पैगाम यही है इन दीपों का, सबको चलने दो कंधे से |
मत् बजह बनो तकलीफों की, दे सको तो दो थोड़ी खुशिया |
दीप जला दो दीनों के घर, रोशन कर आओ उनकी कुटिया |
आ गई दीवाली, आ गई दीवाली….||
लेखक: सुदीश भारतवासी
* बिशेष :- दीपावली की पूजा में दीप प्रज्ज्वलित करते समय का मंत्र ,,,,,,,,
–“शुभम् करोतु कल्याणम् ,आरोग्यं सुख संपदा |
दुष्ट बुद्धि विनाशाय ,दीप ज्योति नमोस्तुते” ||