Dharmik Badhyata
Dharmik Badhyata

धार्मिक बाध्यता

( Dharmik badhyata ) 

 

धर्म से है अगर प्यार तुम्हे
तो उसका सम्मान करो।
बाध्यता नही है आदर की
हक नही तुम्हे अपमान करो…

जबरन का सिद्धांत नही
शाश्वत है इसका अंत नही
बेमन इसका सम्मान करो,
इसके लिए तुम बाध्य नहीं…

न करो तुम पूजा पाठ भले
कौन हांथ पकड़ कर चले
अनादर धर्म का स्वीकार नहीं
बाध्यता का यहां सिद्धांत नही…

धर्म हमारा बंधुत्व भाव का
समता,सद्भाव ,लगाव का
करुणा,दया,क्षमा दान ही
है मूल सनातन स्वभाव का
बाध्यता नही यहां सिद्धांत की…

रह लो और किसी के धर्म संग
स्वयं ही समझ लोगे उनके ढंग
जहां सहज नही जीवन शैली
कट्टरता का यहां सिद्धांत नही..

जब तक ज्ञान न हो खुद को,
और किसी को ज्ञान न बांटो
वेदों उपनिषदों को पढ़कर,
मन की चंचलता को साधो
हिंसकता का यहां सिद्धांत नही
बाध्यता नही सिद्धांत की..

 

रूबी चेतन शुक्ला
अलीगंज ( लखनऊ )

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