दिल फ़रेब इस हंसी का क्या कहना
दिल फ़रेब इस हंसी का क्या कहना
दिल फ़रेब इस हंसी का क्या कहना।
आपकी दिलकशी का क्या कहना।
आपके मरमरी से क़ालिब पर।
चांद की चांदनी का क्या कहना।
दिल परेशान हैं गुलाबों के।
आपकी नाज़ुकी का क्या कहना।
लूट लेती है आन में दिल को।
ह़ुस्न की कजरवी का क्या कहना।
इस पे क़ुर्बान सीमो-ज़र सारे।
प्यार की ज़िन्दगी का क्या कहना।
शौक़ शाहों के ख़ूब हैं लेकिन।
आपकी ख़ुसरवी का क्या कहना।
ग़म में पी कर तो नींद आती है।
ऐ़श में मयकशी का क्या कहना।
दिल्लगी जिससे चाहे कीजे,पर।
यार से दिल-लगी का क्या कहना।
दफ़्अ़तन जो नसीब होती है।
ऐ फ़राज़ उस ख़ुशी का क्या कहना।

पीपलसानवी
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