
दिल किसी के प्यार में पागल हुआ
( Dil Kisi Ke Pyar Mein Pagal Hua )
दिल किसी के प्यार में पागल हुआ!
देखा ऐसे उसनें दिल घायल हुआ
तल्ख़ लहज़ा रोज़ उसनें तो रक्खा
कब वही दिल से मगर कोलम हुआ
सुख गयी है फ़स्ल सारी देखिए
की फ़लक पे ही नहीं बदला हुआ
नफ़रतों की बारिशें ऐसी पड़ी
प्यार का ही रास्ता दलदल हुआ
आलू गोभी दाल क्या भिंडी ख़रीदे
रोज़ ही महंगा आटा चावल हुआ
कोशिशें की भूलने की उसको ही
पर यादों का ही कम नहीं पल हुआ
बन गया है ग़ैर आज़म से वही
प्यार में जिसके लिए बेकल हुआ
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
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