मृत्यु से पहले
मृत्यु से पहले

मृत्यु से पहले

( Mrityu Se Pahle )

*****

तेरे कृत्य काल दिखाएगा
दिखा दिखा सताएगा
तुमको सब बतलाएगा
फेहरिस्त कर्मों की सामने लाएगा
देखो समझो!
किए क्या क्या हो?
जीवन में अपने।
तोड़े कितनों के सपने तुमने?
जब अपने पर पड़ी है,
लग रही बहुत बड़ी है!
कष्ट अनंत है
दर्द असह्य है
प्रतिफल है उसका
किए हो जिसका।
मिलना तय है,
भोगना निश्चित है।
इसी जीवन में,
इसी धरा पर…
मरने से पहले,
कृत्य पुनः देख ले अपने!
लगा ले हिसाब पाप पुण्य का?
सद्भाव सत्कर्म का
अन्याय अधर्म का
उसी अनुरूप सब हो रहा है
जिसे तू ढो रहा है!
है कि नहीं?
सोचना तू सही सही।
जब हो जाएगा बराबर,
रूकेगा न यहां क्षणभर।
उड़ जाओगे अनंत गगन में,
ले पुनर्जन्म लौटोगे, एक नए रूप में।

?

नवाब मंजूर

लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर

सलेमपुर, छपरा, बिहार ।

यह भी पढ़ें :

Hindi Poetry On Life -पत्रकार की गिरफ्तारी पर अपनों की चुप्पी?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here