दिल में ज़ज्बा हौंसले हरदम यूं फौलादी रखो
दिल में ज़ज्बा हौंसले हरदम यूं फौलादी रखो
दिल में ज़ज्बा हौंसले हरदम यूं फौलादी रखो ।
दुश्मनों से तुम बचाके हिंद की वादी रखो।।
धङकने दो देश को सीने में धङकन की तरह ।
दिल ना कोईआज तुम इससे कभी खाली रखो।।
सर ना झुकने पाये हरगिज दुश्मनों के सामने।
इसकी हिफाजत में ना कोई कसर बाकी रखो।
नाम दुश्मनका मिटाके रख दो बेशक इस जमीं से
छेङ दी है जंग उसने क्यूं इसे आधी रखो।।
मुद्दतों के बाद थी “कुमार” ये हमको मिली ।
बेशकीमती है बचाकर अपनी आजादी रखो।
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कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)
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