Mere Aabad Watan

वतन की ख़ातिर

( Watan ki Khatir )

 

वतन की ख़ातिर लड़ने चले हम
मुहब्बत देश से इतनी करे हम

मिटे देंगे अदू अपने वतन के
अमन के ही रखेंगे सिलसिले हम

न सरहद पार दुश्मन कर सके है
करेंगे बंद वो हर रास्ते हम

कहाँ तू भागकर अब तो जायेंगा
मिटा देंगे अदू देखो तुझे हम

इधर जो तू आयेंगा तो मरेगा
अदू के राह में हर पल खड़े हम

यही है आरजू आज़म की यारों
मरेंगे बस वतन के ही लिये हम

शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )

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