दिव्य पूर्णिमा | Divya Purnima
दिव्य पूर्णिमा
( Divya purnima )
पीयूष पान परम आनंद,जुन्हाई उत्संग में
आश्विन मास दिव्य पूर्णिमा,
अद्भुत अनुपम विशेष ।
चारु चंद्र चंचल किरणें,
रज रज आह्लाद अधिशेष ।
शीर्ष कौमुदी व्रत उपासना,
विमल भाव अतरंग में ।
पीयूष पान परम आनंद, जुन्हाई उत्संग में ।।
सोम धार धरा समीप,
अनूप दिव्य भव्य नजारा ।
वृष्टि सुख समृद्धि वैभव,
दुःख कष्ट विलोपन सारा
सरित प्रवाह उमंग उल्लास,
नेह अवतरण अंग अंग में ।
पीयूष पान परम आनंद, जुन्हाई उत्संग में ।।
शशि षोडश कला श्रृंगार,
जनमानस जीवन धन्य ।
सकारात्मक सोच उदयन,
नैराश्य भाव नगण्य ।
अप्रतिम स्तुति विष्णु लक्ष्मी,
स्नेहिल आशीष कंग में ।
पीयूष पान परम आनंद ,जुन्हाई उत्संग में ।।
कोजागरी रास पूर्णिमा,
अन्य उपमित शुभ नाम ।
सागर मंथन श्री कृष्ण लीला,
दिव्यता मर्म कोटि प्रणाम ।
ग्रहण विघ्न परिवर्तन बेला,
ज्योत्स्ना स्तुत दर्श सत्संग में ।
पीयूष पान परम आनंद, जुन्हाई उत्संग में ।।
नवलगढ़ (राजस्थान)