Dosti Ka Haq | दोस्ती का हक़ अदा कर
दोस्ती का हक अदा कर!
( Dosti Ka Haq Ada Kar )
दोस्ती का हक अदा कर!
इतनी दिल से तू वफ़ा कर
दिल से रिश्ता तू निभालें
दिल न अपना बेवफ़ा कर
दें वफ़ा तू जिंदगी भर
यूं न उल्फ़त में जफ़ा कर
साथ बनकर हम सफ़र चल
हर क़दम मत फ़ासिला कर
रख बसाकर दिल में मुझको
तू न दिल से यूं जुदा कर
कुछ नहीं मिलता दग़ा से
दिल अपना तू बावफ़ा कर
छोड़ झगड़ा तू आज़म से
प्यार से मिलकर रहा कर