Kavita | थप्पड़
थप्पड़
( Thappad )
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( Thappad )
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हनुमान जन्मोत्सव ( Hanuman Janmotsav ) तुम ज्ञान- गुण – सागर हो श्रीराम की रक्षा के लिये जीवन का सर्वस्व मिटाकर तुमने युध्द में अपने कौशल्य से लंका – दहन किया . तुम्हारी जागृत मूर्ति को मैं प्रणाम करता हूं कि तुम्हारा नाम लेते ही शत्रु -नाश दुर्भाग्य -दूर और प्रेत-मुक्ति हो जाती है ….
विष प्याला ( Vish Pyala ) क्रूर हृदय से अपनों ने, जीवन भर दी विष प्यालों में। जबतक आग को हवा दी तबतक,शेर जला अंगारों में। कोमल मन के भाव सभी, धूँ धूँकर तबतक जले मेरे, जबतब प्रेम हृदय से जलकर,मिट ना गया मन भावों से। ** नगमस्तक भी रहा तभी तक, जबतक…
कुंदन बना दिया ( Kuundan Bana Diya ) रक्तरंगी हादसों ने काम ये किया शारदा की साधना में रंग भर दिया आसमाँ की चाह थी ना आसमाँ मिला भूमि पर भी चैन मुझे लेने ना दिया सात फेरे भूख से है प्यास से लीव ईन वक्त ने दो पाट को बीवी बना दिया स्वप्नमाला से…
रामनवमी ( Ram navmi ) रघु कुल में उत्पन्न दशरथ लाल राम कोशल्या की कोख से दशरथ लाल राम सनातन में शुभ दिवस नवमी राम जन्म अवध नगरी जगमग हुआ राम का जन्म घर में हर्ष अपार सजी आंगन रंगोली नगर में ख़ुशी छाई ढोल बजाता ढोली थाल भर मोतियों दासियां कर रही दान…
आज जी भर के गाने दो ( Aaj ji bhar ke gane do ) है कल का क्या विश्वास समय का साथ निभाने दो। आज जी भर के गाने दो। क्षण क्षण बदल रहा है किस क्षण, क्या होगा क्या जाने, पल पल में परिवर्तन होता, प्रकृति बदलती बाने, अंतर का आवेग निकल कर…