Dr. Bhim Rao Ambedkar par kavita
Dr. Bhim Rao Ambedkar par kavita

वो महामानव 

( Wo mahamanav ) 

 

 

वन्दन करतें बाबा आपकों हम सब बारम्बार,

दिलाया आपनें ही हमें मौलिकता अधिकार।

समाजिक शैक्षणिक और आर्थिक अधिकार,

समान राजनीति और नागरिक के अधिकार।।

 

आपनें ही इस प्रजा‌तन्त्र को मजबूती है दिया,

मत और मूल्य के तत्वों को प्रस्थापित किया।

विद्युत-प्राधिकरण के मार्ग को प्रशस्त किया,

बाॅंध-घाटी और नदी जल को महत्व है दिया।।

 

भारतीय रिज़र्व बैंक की आप स्थापना किया,

वित्तीय आर्थिक‌  प्रशासनिक योगदान दिया।

महिलाओं को मान-सम्मान आप ही दिलाया,

अन्धविश्वास अंधश्रृद्धा में सोयों को जगाया।।

 

आदिवासी एवं दलितों को आरक्षण दिलाया,

बेजुबान शोषित अशिक्षित को राह दिखाया।

मनुस्मृति-महाड़ व नासिक सत्याग्रह चलाया,

येवला की गर्जना सा आन्दोलन आप किया।।

 

डाॅक्टर भीमराव था ऐसे महा-मानव का नाम,

किस क़दर लड़ा होंगा वो अकेला ही इन्सान।

जिनके पुतले व नाम में आज भी बहुत खौप,

यह संविधान देश को देकर बाबा बना महान।।

 

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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