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कैसे कह दूं ये एहसास नहीं | Ehsaas Shayari

कैसे कह दूं ये एहसास नहीं

( Kaise keh doon ye ehsaas nahi ) 

 

कैसे कह दूं ये एहसास नहीं !
हमदम है कोई अब पास नहीं !

उनकी यादों का इक सहारा है
मिलना जुलना भी खास नहीं!

दूरियां दिल में बना ली उसने
ऐसा नहीं के मुझे एहसास नहीं !

है जिंदगी यूं दर्द का दरिया
मौत से भी कोई आस नहीं!

हुस्न किस काम का ऐसा यारों
आँखों में हया का लिबास नहीं !!

 

 शायर: मोहम्मद मुमताज़ हसन
रिकाबगंज, टिकारी, गया
बिहार-824236

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