ईद की नमाज़
( Eid ki namaz )
ईद की नमाज़ पढ़तें है सभी देश के मुसलमान,
करतें है रोज़े-उपवास और मस्जिदों में अज़ान।
इसमें अहम-भूमिका वालीं यें जुम्में की नमाज़,
पढें भाई-भाभी चाची-चाची अब्बू-अम्मी जान।।
होली अथवा हो दिवाली क्रिस्मस चाहें यह ईद,
करतें हैं सभी सूरज का कभी चन्द्रमा का दीद।
एकता और मोहब्बत के यह पर्व है सब प्रतीक,
तमन्नाऍं सब पूरी कर सामान की करतें खरीद।।
आओं यारों मिलकर सभी ऐसा कुछ कर जाऍं,
गिलें शिकवें जो कोई है मन में उन्हें भूल जाऍं।
इस ईद के उपलक्ष्य में हम सब खुशियाॅं मनाऍं,
अपना मज़हब-धर्म भूलकर स्नेंह दीप जलाऍं।।
होती है क़व्वालियां तो कहीं मुशायरें और गीत,
है स्वयं से छोटों को ईदी गिफ्ट देने की यें रीत।
एक-दूजें से गलें मिलें एवं ख़ुशी अ़ता फरमाऍं,
खायें खिलाऍं खीर पूरी बनाके अपने मनमीत।।
नफ़रतों को भूलकर हम स्नेंह रुपी वृक्ष लगाऍं,
घर-ऑंगन और बग़ीचा ऐसे आज हम सजाऍं।
सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता इस ईद का जश्न,
अल्लाह के ९९ नाम ज़ुबान पर सभी के आऍं।।