एक तरफा प्यार है

एक तरफा प्यार है

 एक तरफा प्यार है

 

 

जिसके दिल में एक तरफा प्यार है

अश्क आंखों में ही उसकी यार है

 

जख़्म इतनें है मिले रूह तक

कर गया वो जिंदगी को आजार है

 

ख़्वाब टूटे है आंखों से ऐसे कल

नींद से आंखें मेरी  बेदार है

 

प्यार की बातें न थी लब पे कोई

बातें की उसने सभी कल खार है

 

ग़ैर मुझको कर गया वो उम्रभर

अब रहा अपना नहीं वो दिलदार है

 

फूल जिसको प्यार का आज़म दिया

कर गया नफ़रत के वो ही  वार है

 

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शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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