Emotional sad ghazal
जीवन भी अजीब मुझको मिला

जीवन भी अजीब मुझको मिला

( Jeevan bhi ajeeb mujhko mila )

 

 

जीवन भी अजीब मुझको मिला!

कब अच्छा नसीब मुझको मिला

 

जो वफ़ा निभा सका ही नहीं

बेवफ़ा हबीब मुझको मिला

 

हाथ  वो  मिला गया यारी का

आज वो  रक़ीब मुझको मिला

 

दोस्ती  की  हसरत  मैं भी रखूँ

कब ऐसा नजीब मुझको मिला

 

इसलिए  उदास  रहता  है  दिल

खुशियों का सलीब मुझको मिला

 

दें  दवा  क़रार  टूटे  दिल को

की न वो  तबीब  मुझको मिला

 

दूर से बातें करता था “आज़म”

वो आकर क़रीब मुझको मिला

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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