यें फाल्गुनी महीना | Fagun Mahina par Kavita
यें फाल्गुनी महीना
( Ye falguni mahina )
यें फाल्गुनी महीना होता है प्रकृति के लिए सौगात,
जो प्रकृति के नज़रिये से महत्वपूर्ण धार्मिक मास।
जिसके पश्चात होता है हिन्दू नए साल का आगाज़,
हिन्दू पंचांग में साल का यही होता आख़िरी मास।।
इसी महिनें में आतें है दो लोकप्रिय बड़े ही त्योंहार,
जो महाशिवरात्रि और है रंगो का ये होली त्योंहार।
इस महिनें से हो जाती धीरे-धीरे गर्मी की शुरुआत,
दुल्हन रूप में सजी रहती धरती वसन्त की बहार।।
सम्पूर्ण वातावरण हो जाता इस माह में जैसे रंगीन,
खेतों में पीली सरसों लहराती खिल जाती ज़मीन।
यें ढोल नगाड़े चंग बजाते सभी गातें ख़ुशी के गीत,
भेदभाव को भुलाकर संस्कृति में हो जातें है लीन।।
कहा जाता है चन्द्रमा की उत्पत्ति भी हुई इस मास,
गाजे बाजे संग नाचते-गाते मनातें उत्सव उल्लास।
भक्त प्रहलाद की रक्षा हेतु हरि-नृसिंह रुप में आएं,
अष्टमी को मां-जानकी जयंती आती है इसी मास।।
विजया एकादशी के रोज़ करतें सभी व्रत-उपवास,
श्री विष्णु का ध्यान करतें जिनका दिल में निवास।
त्रिलोकी महापर्व फल भी उसको मिलता है अपार,
दान-पुण्य तर्पण के लिए अमावस्या दिन है ख़ास।।
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