Kavita Corona Mara na
Kavita Corona Mara na

कोरोना मरा ना

( Corona mara na ) 

 

मैं हूँ कोरोना,
मुझ से डरो ना।
अभी मैं मरा नही,
लापरवाही करों नही।।

धीरे-धीरे आ रहा में वापस,
रहना भीड़ से तुम दूरी बनाकर।
मास्क सदैव लगाकर के सब रहना,
बाहर से आतें ही हाथ साबुन से धोना ।।

मुझे ना लेना आज कोई हल्के,
फिर खा ना पाओगे घर के फुल्के।
क्यों कि मैं हूॅं ऐसी महामारी कोविड़,
सभी बनाओं अपनें आप को शाॅलिड़।।

असावधानियों का फल पड़ेगा भोगना,
जीवन के इस दौर में हिम्मत ना हारना।
सफलताएं मिलेगी जब जाओगे तह तक,
परेशानी समस्याओं का मुकाबला करना।।

समय का चक्र निकल ही जायेगा,
और अच्छे दिन यह फिर से आयेगा।
विपदा को बना लो आज सभी सहेली,
साफ़ सभी रखना अपनी-अपनी हथेली।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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