संतान रत्न

संतान रत्न

( फिल्म स्क्रिप्ट )

एक गरीब महिला छोटी बच्ची को अपने आँचल से दूध पिलाती हुई अधेड अवस्था मे एक छोटे से पुल से टिकी हुई,लोग निकलते देखते बात-कुबात कहते जा रहे हैं |

तभी एक महिला(सन्नो) वहां से गुजरी,बड-बडाते हुए पास आई देखा तो महिला मर चुकी थी l जमावडा लगा था,उसका अंतिम संस्कार कर बच्ची को सन्नो ले गई |

…..उधर…. ये खबर टी.वी.मे देख गुप्ता जी की आंखे भर आईं | की अचानक झगड़ा सुन आसु पोंछ बाहर भागे,देखा तो कुछ मुहल्ले के बदमास लड़के खेल को लेकर काशी दादा से झगड रहे हैं l देखते-देखते लड़कों के घर से माँ बाप भी आ कर काशी दादा के साथ उनकी पत्नी को भी बाँझ बोलकर दिल दुखाया,और कहा खुद की औलाद तो कर ना सके,दुसरों के बच्चों से तो प्यार करो |

दादा रोने लगे,गुप्ताजी ने दादा को समझा कर गले लगाया | काशी की शादी को 16 साल हो गए,पर कोई संतान नहीं हुई पैसों की कोई कमी नहीं थी,लोगों के ताने सुन-सुन कर शराब की लत लग गई,पत्नी समझाती रहती…उधर… सन्नो ने बच्ची का नाम सजनी रखा,सजनी को अपने 3 मुंहबोले भाईयों(शान,गुलाम और समीम)को सौंपते हुए बोली,कोई तकलीफ ना हो मेरी सजनी को खयाल रखना l

उनके साथ एक 4 साल का बच्चा (जुगनु )भी था | सजनी जब 4 साल की हुई,तो उसे टोर्चर करने लगे | सजनी जुल्म सहते बड़ी होने लगी,जुगनु को शान लोगों ने बहुत गंदे संस्कार दिये,उम्र के साथ-साथ सजनी के जुल्म बढते गए और जुगनु बत्तमीज होता गया l सन्नो जब भी मिलने जाती,तो तीनों के डर के कारण सजनी अच्छा ही कहती,मिल कर घंटे दो घंटे मे आ जाती |

कुछ समय बाद सजनी के उम्र की दो लड़कियां और आ गई,तीनो के साथ जुल्म होने लगा | जुल्म सहते-सहते (मार-पिटाई,काम-काज,उल्टी-सीधी बात,मुंह जलाना,गरम रॉड आदि से जलाना,बात-बात पर जलील करना,खाने पर बकना etc.)सजनी 14 साल की हो गई l

इसी बीच जुगनु के दो रुप दिखे,जब तीनो होते तो शान के भाईयों का साथ देता,अकेले मे सजनी का साथ देता,मदद करता,हंसाता या कहें की जुगनु ने उसे हिम्मत दे रखी थी |एक दिन तो हद हो गई,जब शान ने सजनी को नहाते हुए देख उस पर टूट पडा l

वो खुद को बचाते हुए भगी,तभी कोई कॉल आया,शान रुका,कॉल काट कर समीम और गुलाम को बुलाया,फिर तीनो ने एक साथ सजनी पर टूट पडे,कोई इधर से,कोई उधर से उसके कपडे फाड दिये, तीनो जानवर हैवान बन चुके थे,सजनी चिल्लाती है, तभी जुगनु आवाज सुन भागा,उसे देख दोनो लड़कियां सहम गई,जुगनु सन्नो को कॉल करते हुए कमरे मे दाखिल हो जोर से बोला,भैया फोन,सब रुके,शान ने बात की,जुगनु ने सजनी को देखा,शान ने समीम और गुलाम को रोका,सब बाहर गए,दोनो लड़कियों ने सजनी को सम्हाला |

शाम हुई तो जुगनु ने सजनी को भागने की सलाह दी,बोला सन्नो के यहाँ जा कर सब कुछ सच बोल दे,साथ ही मदद करने बोला रात हुई,सब सो रहे हैं,जुगनु सजनी को ले सीधा थाने पहुँचा,थाने मे सजनी ने आप-बीती बताई,सन्नो से फोन पर बात करते सजनी फूट-फूट कर रोने लगी, पुलिस ने सुबह सन्नो के यहाँ भेजने बोला,बीती रात थानेदार अपनी केविन मे बड़ी हंस-हंस के फोन पर बात कर रहा था,…उधर…शान अपने भाईयों के साथ कॉल करते,सब जगह ढूंढ़ते घूम रहे है,कहीं कोई सुराख नहीं मिला,झल्ला कर शान बोला,क्या जबाब देंगे,तभी फोन बजा,समीम हैरत से मुस्कुराया |

अगली सुबह थानेदार पुलिस गाडी से रवाना हुए,गाडी सन्नो के घर मे रुकी,सन्नो इंतजार कर रही थी,सजनी गाडी से उतरी,सन्नो गले लगा कर रोई,दुलार करते हुए बोली,अरे मेरी बच्ची माफ करना,मै नहीं जानती थी को वो लोग ऐसा करेंगे,जुगनु के सर हांथ फेरते हुए बोली–श्याबास बेटे,तुम सही वक्त पर इसे यहाँ ले आये सब अन्दर गए|

…उधर…शाम के वक्त काशी दादा गुप्ता जी के साथ पेग पे पेग पीते हुए बोले,गुप्ता जी,अब तो मेरा दिल मर जाने को करता है,पहले तो बीबी के खातिर जीता था,अब वो भी खट-खट करती रहती है |

गुप्ताजी बोले–दादा,सब किस्मत की बात है,आपकी बीबी भी आपकी शराब की लत के कारण आपको बोलती है |दादा बोले –क्या करूँ गुप्ताजी,ये बाँझपन का दाग….,कोई बोलता है ना,तो आग लग जाती है |

मैने तो बीबी को भी बोला,,,दो पेग तू भी लगा,सारे गम भूला के मस्त रहोगी,(हँसते हुए)सुनती ही नहीं,उल्टा मुझे अकेला छोड मायके भाग गई,दोनो हंसने लगे |…इधर…सन्नो ने सजनी के पसंद के पकवान बना कर अपनी गोद बैठा कर खिलाती है,जुगनु को भी धन्यवाद करते हुए खिलाती |

खाने के बाद अपने हांथो से दुल्हन की भांति सजा कर गले लगाया,सन्नो बोली–जा बेटा आराम कर | सजनी अपने कमरे मे जा कर लेट गई |

सजनी अपने ऊपर हुए अत्याचारों को याद कर रो रही थी, फिर सन्नो की ममता,जुगनु की मदद याद कर झपकी ली,तभी गेट खुला,गेट बन्द करता थानेदार सेक्सी अन्दाज मे अन्दर आया,सोती हुई सजनी को निहारते हुए कमीना पन करते हुए अपने कपडे खोल सजनी की कमर भींच ली,सजनी चौंक कर उठी,थानेदार को देख जोर से चिल्लाई,थानेदार मुंह बंद करते हुए बोला–शोर मत करो,बस मेरे अरमान शांत कर दो,जबसे देखा है ना….आग लगी पडी है |

सजनी धक्का देकर दरबाजा पीटते हुए सन्नो आंटी-सन्नो आंटी पुकारे जा रही थी,तभी थानेदार बोला–ओय चुप हो जा,तेरी सन्नो आंटी ने ही मुझे भेजा है ??????

सजनी के पैरों तले जमीन खिसक गई,खुद को सम्हालते हुए बोली,न न नहीं ब बो ऐ ऐ ऐसा नहीं कर सकती है। थानेदार हंसते हुए आगे बढ़ा,बाल पकड सर ऊपर कर आँख से आँख मिलाई,फिर आवाज दी,सन्नो..उधर…गेट खुला,सन्नो हाजिर थी,सजनी लिपट कर बोली,आंटी ये क्या बोल रहे हैं,तब आंटी बोली–सजनी,ये जो बोल रहे हैं वो सच है,इनकी बात मान ले | सजनी को कटो तो खून नहीं,ठगी सी रह गई |

दीवार से सिमट कर बैठ गई,तभी जुगनु को ले कर शान,समीम और गुलाम जुगनु को मारते हुए आये,जुगनु घायल है,अब सजनी और भौंचक्की रह गई,जुगनु सजनी को अस्त-व्यस्त देख रोने लगा |

सन्नो बोली–तुम्हे अनाथ-आश्रम लगता है क्या ??? जो मै तुम्हे पालूँगी,कोठा है ये कोठा,बड़ी हो कर तुम्हे वैश्या और इस जुगनु को इस कोठे का रक्षक बनाने सोचा,पर ये तो तेरा रक्षक बन गया,कमीना साला,तभी जुगनु गिड-गिडाते हुए सन्नो के पैरों मे गिर माफी मांगने लगा,सब हंसते हैं |

मौका देख थानेदार की पिस्तौल पर लपक पिस्तौल उठा थानेदार पर तान कर बोला,किसी ने कोई हरकत की,तो भेजा उडा दुंगा,सब घबराये,सबको एक साथ खडा कर सजनी को ले कर दरबाजा बाहर से लॉक कर भागा |बस्ती का मैन गेट लॉक है,…उधर…सब खिडकी तोड़ बाहर आये…इधर…गेट पार करने सजनी को चढाया,सजनी पार हुई,जुगनु चढ ही रहा था,तभी थानेदार ने पकड खींच लिया,जुगनु चिल्लाया,भाग सजनी भाग,सजनी जुगनु को देखते हुए रोते हुए भागी |

गेट खोल कुछ सजनी के पीछे भागे..इधर…जुगनु को मार-मार घायल कर दिया…उधर…सजनी पास खडी बस के नीचे छिप गई,गुलाम अपने साथियों के साथ ढूंढ़ता रहा,काफी देर बाद हताश हो वापस आ गए,सन्नो के साथ सब टेंशन मे |

रात हो चुकी थी,सजनी बिलखती हुई,किस्मत को कोसती हुई निकल पडी….उधर…रोज की तरह काशी दादा टल्ली हो कर जा रहे हैं,तभी दादा की नजर किसी आवाज की तरफ गई,देखा तो 3-4 लड़के एक लडकी को छेड रहे हैं,दादा ने जा कर देखा,एक लड़के को देख बोले, तू गणपत का लडका है ना??लडका सक-पकाया,अपने दोस्तों को ले,लड़की को वही छोड़ भाग गया |

दादा लड़की के पास जा कर पूँछा,कौन हो ??लडकी रोई,दादा ने कुछ सोचा,बोला,मेरे साथ चलेगी ??रात ज्यादा हो गई है,सजनी ने बहुत सोचने के बाद हाँ मे सर हिलाया |दादा ने खुश होते हुए एक कॉल किया,किसी मेडिकल वाले ने उठाया,दादा ने हंस कर बहुत उतावले-पन से(मूक) बात की,दादा लड़की यानि सजनी को टैक्सी मे अपने घर ले गया ||••||
नोट->पार्ट 2 मे आगे की कहानी होगी,तब तक आप सोचिये,आगे क्या हुआ होगा ??

लेखक:  सुदीश भारतवासी

Email: [email protected]

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