फुहार | Fuhaar
फुहार
( Fuhaar )
न देखा गया,
दहकना तेरा
तरसना यूं
बूँद बूँद को
कतरा कतरा
बह जाना
मेरा
पल में
काफी न था
बुझाने को
तिश्नगी
तेरी
.
.
.
प्यासी जो रही
तू
कई सावन
से….
#उमड़ताप्यारआस्मांका #धरातेरेलिये
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )