Poem on Mandir Masjid

मंदिर मस्जिद | Poem on Mandir Masjid

मंदिर मस्जिद

( Mandir Masjid )

 

करना क्या है ? मंदिर मस्जिद
और खाना है ! मंदिर मस्जिद

भर रक्खी है नफ़रत दिल में
कर रक्खा है मंदिर मस्जिद

खूब लड़े हैं भाई भाई
मुद्दा क्या है ? मंदिर मस्जिद

आपका बेटा पढ़ा लिखा है
क्या करता है ? मंदिर मस्जिद

ख्वाहिश जो पूछो नेता से
वो कहता है–मंदिर मस्जिद

विकसित होने का वादा है
और दावा है मंदिर मस्जिद

तुम चर्चा में आ जाओगे
बस कहना है मंदिर मस्जिद

वोट नगर की उस मंज़िल तक
इक रस्ता है मंदिर मस्जिद

हिंदू मुस्लिम के दंगो से
गुल खिलता है मंदिर मस्जिद

मेरे वतन में मुद्दा फैसल
क्यों उछला है?मंदिर मस्जिद

 

शायर: शाह फ़ैसल मुजफ्फराबादी
सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)

यह भी पढ़ें :-

कैसे हो दीदार सनम का | Deedar Ghazal

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *